Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Sakat Chauth 2024 Vrat: क्यों रखा जाता है सकट चौथ व्रत? जानें इसका रहस्य

प्रत्येक वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार सकट चौथ व्रत 29 जनवरी को है। इस खास अवसर पर महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। सकट चौथ को नई नामों से जाना जाता है। जैसे- तिलकुट संकष्टी चतुर्थी और माघ चतुर्थी आदि।

By Kaushik SharmaEdited By: Kaushik SharmaUpdated: Thu, 25 Jan 2024 12:39 PM (IST)
Hero Image
Sakat Chauth 2024 Vrat: क्यों रखा जाता है सकट चौथ व्रत? जानें इसका रहस्य

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sakat Chauth 2024 Vrat: सकट चौथ के दिन भगवान गणेश जी की पूजा-व्रत करने का विधान है। प्रत्येक वर्ष माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ का पर्व मनाया जाता है। इस बार सकट चौथ व्रत 29 जनवरी को है। इस खास अवसर पर महिलाएं संतान की दीर्घ आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। सकट चौथ को नई नामों से जाना जाता है। जैसे- तिलकुट, संकष्टी चतुर्थी और माघ चतुर्थी आदि। मान्यता है कि इस दिन गणपति जी की विधिपूर्वक पूजा-व्रत करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं आखिर महिलाएं सकट चौथ का व्रत क्यों रखती हैं।

ये है वजह

सकट चौथ के दिन भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान गणेशजी प्रसन्‍न होते हैं। इस व्रत को महिलाएं संतान की दीर्घ आयु के लिए रखती हैं। पूजा के दौरान व्रत कथा पढ़ने का अधिक महत्व है। सकट चौथ कथा पढ़ने से व्रत पूर्ण माना जाता है। इसके अलावा इस दिन चंद्र देव को जल देने से संतान को रोग नहीं होता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

यह भी पढ़ें: Ram Mandir: रामलला की मूर्ति पर अभिषेक से नहीं पड़ेगा कोई असर, जानें प्रतिमा की खासियत

सकट चौथ का शुभ मुहूर्त

दैनिक पंचांग के अनुसार, माघ माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 29 जनवरी प्रातः 06 बजकर 10 मिनट से होगी और इसके अगले दिन यानी 30 जनवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट पर तिथि का समापन होगा। इस बार सकट चौथ का व्रत 29 जनवरी को है। सकट चौथ के दिन चंद्रोदय रात 09 बजकर 10 मिनट पर होगा।

सकट चौथ चंद्र दर्शन महत्त्व

इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देने के बाद सकट चौथ व्रत का पारण किया जाता है।मान्यता के अनुसार, ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और संतान को लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

यह भी पढ़ें: Shrimad Bhagwat Gita: रोजाना गीता के पाठ से मिलते हैं अद्भुत लाभ, जान लें सही नियम

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'