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Sankashti Chaturthi 2023: इसलिए संकष्टी चतुर्थी पर चंद्र दर्रशन के बाद किया जाता है व्रत का पारण

Chaturthi Vrat 2023 हर महीने चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। एक मास में दो संकष्टी चतुर्थी और विनायक चतुर्थी व्रत रखा जाता है। संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन का विशेष महत्व है। लेकिन विनायक चतुर्थी पर ऐसा करना वर्जित है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Tue, 10 Jan 2023 12:17 PM (IST)
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Sankashti Chaturthi 2023: संकष्टी चतुर्थी पर इसलिए किया जाता चंद्र देव के दर्शन।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Sankashti Chaturthi 2023 and Vinayaka Chaturthi Chandra Darshan: हिन्दू धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक मास के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन भगवान गणेश की पूजा का विधान है। बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन विनायक चतुर्थी व्रत का पालन किया है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस दिन व्रत का पालन करता है, उन्हें जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और वह जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। बता दें कि संकष्टी चतुर्थी व्रत के दिन चंद्र दर्शन के बाद ही व्रत का पारण किया जाता है। वहीं विनायक चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन नहीं किया जाता है। आइए जानते हैं क्या है इसका कारण और महत्व?

संकष्टी चतुर्थी चंद्र दर्शन महत्व

शास्त्रों में बताया गया है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस विशेष दिन पर चंद्र देव के दर्शन किए बिना व्रत का पारण नहीं किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से महिलाओं को संतान के दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य का वरदान मिलता है। यही कारण है कि इस दिन व्रती महिलाएं चंद्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं।

विनायक चतुर्थी पर नहीं किया जाता है चंद्र दर्शन

जहां एक तरफ संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र देव की पूजा की जाती है, वहीं विनायक चतुर्थी के चंद्र दर्शन वर्जित है। कई लोग प्रत्येक विनायक चतुर्थी व्रत के दिन चंद्र दर्शन नहीं करते हैं। लेकिन विशेष रूप से भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन चंद्र दर्शन पर पूरी तरह से पाबंदी की बात शास्त्रों में कही गई है। साथ ही यह भी बताया है कि इस दिन चंद्र दर्शन करने से झूठे आरोप या कलंक लगने का भय बढ़ जाता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।