Sankashti Chaturthi 2024 Upay: द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर कर सकते हैं ये उपाय, धन-धान्य से भर जाएगा घर
प्रत्येक माह की चतुर्थी तिथि मुख्य रूप से भगवान गणेश (Ganesh ji) जी की आराधना के लिए समर्पित मानी जाती है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन पर भगवान गणेश की पूजा-अर्चना द्वारा उनकी कृपा प्राप्त की जा सकती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी पर आप किन उपायों द्वारा भगवान गणेश की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sankashti Chaturthi 2024 Date: हर साल फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस दिन साधक भगवान गणेश की कृपा प्राप्ति के लिए पूजा-अर्चना और व्रत करते हैं। माना जाता है कि इस व्रत को पूरे श्रद्धाभाव से करने से साधक को भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर होती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और कुछ खास उपाय।
संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त (Shubh Muhurat)
फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 28 फरवरी को रात्रि 01 बजकर 53 मिनट पर हो रहा है। जिसका समापन 29 फरवरी को प्रातः 04 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 28 फरवरी, बुधवार के दिन किया जाएगा।
इस तरह करें पूजा
द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान गणेश जी को लाल चन्दन, लाल फूल, दूर्वा, मोदक, पान, सुपारी, धूप-दीप आदि अर्पित करें। इसके साथ ही श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा मंत्र का जाप करें।
सुधरेगी बुध ग्रह की स्थिति
संकष्टी चतुर्थी के दिन गणपति जी को 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। इसके साथ ही ऊं ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जाप करें। इस उपाय को करने से कुंडली में बुध ग्रह की स्थिति सुधर सकती है। इसके साथ ही बुध ग्रह की शांति के लिए द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी की पूजा करने के बाद किसी किन्नर को हरी चीजें जैसे इलायची, हरे वस्त्र आदि भी दान कर सकते हैं।आर्थिक स्थिति में होगा सुधार
संकष्टी चतुर्थी के विशेष दिन पर गणेश जी की पूजा के दौरान 5 दूर्वा में 11 गांठ लगाकर किसी लाल कपड़े में बांध दें और गणपति जी को अर्पित कर दें। इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करें। इस उपाय को करने पर आपको अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल सकता है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'