Sankranti 2024: इस दिन मनाई जाएगी सिंह संक्रांति, इन शुभ योग में करें भगवान सूर्य की पूजा
सूर्य पूरे साल एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते हैं। उनके इस गोचर को संक्रांति कहा जाता है। 16 अगस्त को वह कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में विराजमान होंगे। उनके इस परिवर्तन को सिंह संक्रांति के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस शुभ दिन पर भगवान सूर्य की पूजा करने से अक्षय फलों की प्राप्ति होती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सिंह संक्रांति का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह वह शुभ अवधि है जब ग्रहों के राजा सूर्य देव अपनी राशि सिंह में प्रवेश करते हैं। सूर्य देव के राशि परिवर्तन को संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस शुभ समय पर सूर्य पूजन करते हैं और विधि अनुसार उन्हें अर्घ्य देते हैं उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति होती है, तो चलिए इस दिन का शुभ मुहूर्त और नियम जानते हैं।
कब है सिंह संक्रांति 2024?
सूर्य देव 16 अगस्त, 2024 दिन शुक्रवार को शाम 7 बजकर 54 मिनट पर कर्क राशि से निकलकर सिंह राशि में गोचर करेंगे। इस क्षण ही सिंह संक्रांति होगी। ज्योतिषियों की मानें, तो सिंह संक्रांति पर्व 16 अगस्त को मनाया जाएगा। यह दिन भगवान सूर्य की पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता है। साथ ही इस मौके पर गंगा स्नान और दान पुण्य अवश्य करना चाहिए।यह भी पढ़ें: Sawan Vinayak Chaturthi 2024: सावन की विनायक चतुर्थी पर करें गणेश कवच का पाठ, घर में होगा मां लक्ष्मी का वास
बन रहे हैं ये अद्भुत योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस बार की सिंह संक्रांति पर प्रीति योग और पूर्वाषाढ़ नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। प्रीति योग दोपहर 01 बजकर 12 मिनट पर शुरू होगा। और पूर्वाषाढ़ नक्षत्र दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगा। इसके साथ ही इस तिथि में पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन पाताल की भद्रा भी होगी।सूर्य देव पूजन मंत्र
- ॐ घृणिं सूर्य्य: आदित्य:
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा.
- ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय
- ॐ ह्रां हिरण्यगर्भाय नमः
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