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Saphala Ekadashi 2022 Niyam: सफला एकादशी पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां, श्रीहरि हो सकते हैं क्रोधित

Saphala Ekadashi 2022 सफला एकादशी का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। एकादशी व्रत भगवान विष्णु की उपासना के लिए समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से भक्तों को विशेष लाभ मिलता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Mon, 19 Dec 2022 10:15 AM (IST)
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Saphala Ekadashi 2022: जानिए सफला एकादशी व्रत के दिन किन चीजों से दूर रहना चाहिए।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Saphala Ekadashi 2022 Niyam: हिन्दू धर्म में भगवान विष्णु की उपासना का विशेष महत्व है। शास्त्रों में उन्हें सृष्टि का पालनहार बताया गया है। भगवान विष्णु की आराधना और उन्हें प्रसन्न करने के लिए एकादशी तिथि को सर्वोत्तम माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन वर्ष 2022 का अंतिम एकादशी व्रत रखा जाता है। जिसे सफला एकादशी के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि जो व्यक्ति एकादशी व्रत को सफलता पूर्वक रखता है, उसे जीवन में हर पग पर सफलता प्राप्त होती है। शास्त्रों में सफला एकादशी व्रत के महत्व को विस्तार से बताया गया है। साथ ही कुछ विशेष नियमों के विषय में बताया है, जिनका पालन करने से व्यक्ति भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है। सफला एकादशी पर व्यक्ति को कुछ ऐसे कार्यों से बचना चाहिए, जिनसे भगवान विष्णु क्रोधित हो सकते हैं। आइए जानते हैं वह सभी कार्य जिन्हें एकादशी व्रत के दिन नहीं करना चाहिए।

सफला एकादशी 2022 (Saphala Ekadashi 2022 Date)

पंचांग एक अनुसार पौष कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारम्भ 19 दिसंबर को सुबह 03 बजकर 32 मिनट पर होगा और इसका समापन अगले दिन सुबह 02 बजकर 32 मिनट पर होगा। उदया तिथि के अनुसार व्रत 19 दिसंबर के दिन रखा जाएगा।

सफला एकादशी पर ना करें ये कार्य (Saphala Ekadashi 2022 Rules)

  • शास्त्रों में बताया गया है कि व्यक्ति को सफला एकादशी के दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन प्याज, लहसुन का सेवन करने से पूजा का उचित फल प्राप्त नहीं होता है और व्यक्ति से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं।
  • साथ ही यह भी बताया गया है कि एकादशी व्रत के दिन व्यक्ति को किसी से भी वाद-विवाद नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भी भगवान विष्णु क्रोधित हो सकते हैं और व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  • शास्त्रों के अनुसार एकादशी के बाल व नाखून काटना अशुभ माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से धन की हानि होती है और ग्रह दोष का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है। इसलिए एकादशी के दिन भूलकर भी यह कार्य ना करें।
  • एकादशी के दिन चावल के सेवन पर मनाही है। इसका दुष्परिणाम व्यक्ति को अगले-जन्म में भोगना पड़ता है। साथ ही इस दिन घर में झाड़ू के इस्तेमाल पर भी पाबंदी है। झाड़ू के उपयोग से छोटे जीवों की हत्या का भय बढ़ जाता है।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।