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Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी पर 'अभिजीत मुहूर्त' समेत बन रहे हैं ये 5 शुभ संयोग, प्राप्त होगा कई गुना फल

Saphala Ekadashi 2024 वैष्णव समाज के लोग एकादशी तिथि पर व्रत रख विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग सामान सुखों की प्राप्ति होती है। अतः साधक सफला एकादशी पर अपने आराध्य भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो सफला एकादशी पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Fri, 05 Jan 2024 09:00 AM (IST)
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Saphala Ekadashi 2024: सफला एकादशी पर 'अभिजीत मुहूर्त' समेत बन रहे हैं ये 5 शुभ संयोग

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Saphala Ekadashi 2024: हर वर्ष पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर सफला एकादशी का व्रत रखा जाता है। तदनुसार, साल 2024 में 07 जनवरी को सफला एकादशी है। यह पर्व जगत के संचालक भगवान विष्णु को समर्पित है। वैष्णव समाज के लोग एकादशी तिथि पर व्रत रख भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक को मृत्यु लोक में स्वर्ग सामान सुखों की प्राप्ति होती है। अतः साधक सफला एकादशी पर अपने आराध्य भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की उपासना करते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो सफला एकादशी पर एक साथ कई शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को सभी शुभ कार्यो में सफलता प्राप्त होगी। आइए, शुभ मुहूर्त और योग जानते हैं-

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शुभ योग

सफला एकादशी तिथि पर सर्वप्रथम बब करण निर्माण हो रहा है। बव करण योग दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक है। इसके पश्चात, बालव करण का योग बनेगा। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से हो रहा है, जो देर रात 12 बजकर 46 मिनट तक है। साथ ही सफला एकादशी पर अभिजीत मुहूर्त का भी योग है। इस योग का निर्माण 12 बजकर 06 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक है। वहीं, गोधूलि बेला शाम 5 बजकर 37 मिनट से लेकर 06 बजकर 04 मिनट तक है। इसके अलावा, एकादशी तिथि पर अमृत काल 01 बजकर 04 मिनट से 04 बजकर 43 मिनट तक है। साधक अपनी सुविधा के अनुसार इन योग में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

सूर्योदय और सूर्यास्त का समय

सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 15 मिनट पर

सूर्यास्त - शाम 05 बजकर 39 मिनट पर

चन्द्रोदय- ब्रह्म बेला 03 बजकर 59 मिनट पर

चंद्रास्त- दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर

पंचांग

ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 26 मिनट से 06 बजकर 21 मिनट तक

विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 11 मिनट से 02 बजकर 53 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 37 मिनट से 06 बजकर 04 मिनट तक

निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक

अशुभ समय

राहुकाल - शाम 04 बजकर 21 मिनट से 05 बजकर 39 मिनट तक

गुलिक काल - दोपहर 03 बजकर 03 मिनट से 04 बजकर 21 मिनट तक

दिशा शूल - पश्चिम

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डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।