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Saraswati Puja 2024: सरस्वती पूजा के दिन करें ये काम, खुल जाएंगे सफलता के द्वार

बसंत पंचमी से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। यह दिन देवी सरस्वती की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है जो लोग इस दिन मां की पूजा-अर्चना भक्ति के साथ करते हैं उन्हें ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी (Saraswati Puja 2024) मनाई जाती है। आइए इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Sun, 11 Feb 2024 12:47 PM (IST)
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Saraswati Puja 2024: सरस्वती पूजा के दिन करें ये काम

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Saraswati Puja 2024: सरस्वती पूजा हर साल बेहद भव्यता के साथ मनाई जाती है। इस विशेष दिन से वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। यह दिन देवी सरस्वती की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है, जो लोग इस दिन मां की पूजा-अर्चना भक्ति के साथ करते हैं उन्हें ज्ञान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी मनाई जाती है। इस साल यह 14 फरवरी 2024 को मनाई जाएगी।

सरस्वती पूजा तिथि और समय

  • पंचमी तिथि की शुरुआत - 13 फरवरी 2024 - दोपहर 02:41
  • पंचमी तिथि का समापन - 14 फरवरी, 2024 - दोपहर12:09
  • पूजा मुहूर्त - 14 फरवरी, 2024 - सुबह 06:17 बजे से दोपहर 12:01 बजे तक।

सरस्वती पूजा के दिन करें ये काम

  • यह दिन वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन लोग भरी सर्दियों को अलविदा कहते हैं।
  • भारत के विभिन्न हिस्सों में लोग इस दिन को बड़े उत्साह और उमंग के साथ मनाते हैं और देवी सरस्वती की पूजा श्रद्धा के साथ करते हैं।
  • इस दिन लोग विभिन्न स्थानों जैसे स्कूलों, घरों और शैक्षणिक संस्थानों में देवी सरस्वती की प्रतिमा स्थापित करते हैं और देवी की विशेष प्रार्थना करते हैं।
  • इस दिन विशेष पूजा अनुष्ठान किए जाते हैं जैसे - माला चढ़ाना, मंत्र जाप, पीले चावल का भोग, सरस्वती पाठ आदि।
  • भक्त मां का आशीर्वाद पाने के लिए इस दिन उनका पंचामृत से भाव के साथ अभिषेक करते हैं।
  • बसंत पंचमी के मौके पर लोग मां को अपनी शैक्षणिक पुस्तकें और धार्मिक पुस्तकें अर्पित करते हैं, जिससे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति होती है।
  • बसंत पंचमी का दिन स्कूली शिक्षा, पढ़ाई, संगीत, करियर और नौकरी शुरू करने के लिए बेहद शुभ माना जाता है।
  • पीला रंग देवी सरस्वती को समर्पित है इसलिए भक्त इस दिन देवी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें पीली साड़ी, शृंगार और पीले फूल चढ़ाते हैं।
  • इस विशेष दिन स्कूलों, शैक्षिक विश्वविद्यालयों जैसे विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

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