Saturday Puja Tips: शनिवार के दिन ऐसे करें भगवान शंकर की पूजा, शनि देव होंगे प्रसन्न
शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा का विधान है। ऐसा माना जाता है कि शनि देव की पूजा के साथ शिव जी की आराधना करना परम कल्याणकारी होता है क्योंकि भोलेनाथ उनके गुरु हैं। वहीं शनि देव की पूजा शाम के समय ज्यादा फलदायी होती हैं। इसलिए शनिवार के दिन पीपल वृक्ष के समक्ष शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शनिवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान शनि की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर की आराधना करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शुभ फल प्रदान करते हैं। इसलिए शनिवार के दिन शिव जी के साथ न्याय के देवता की विधिवत पूजा करें। पीपल वृक्ष के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं और शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाएं। इसके बाद उसकी 7 बार परिक्रमा करें।
फिर लिंगाष्टकम स्तोत्र (Shiv Lingastakam Stotra) का पाठ भाव के साथ करें। पूजा का समापन आरती से करें। इस आसान उपाय को करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं, साथ ही सभी परेशानियों का अंत करते हैं।
।।लिंगाष्टकम स्तोत्र (Shiv Lingastakam Stotra)।।
ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥
देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥
कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।
अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥