Satyanarayan Puja: स्कंद पुराण में कही गई है सत्यनारायण पूजा की महिमा, कथा सुनने मात्र से मिलते हैं कई लाभ
हिंदू धर्म में भगवान सत्यनारायण (Satyanarayan Katha ke Niyam) की पूजा व कथा कराना बहुत ही शुभ माना गया है। आमतौर पर किसी मांगलिक कार्य जैसे विवाह गृह प्रवेश या फिर नामकरण आदि में सत्यनारायण कथा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस कथा को सुनने मात्र से साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। भगवान सत्यनारायण, भगवान विष्णु का ही स्वरूप हैं। सत्यनारायण की पूजा का असल अर्थ है 'सत्य की नारायण के रूप' में पूजा। सत्यनारायण की कथा मन में श्रद्धा भाव उत्पन्न करने के साथ-साथ व्यक्ति को कई शिक्षाएं भी देती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि भगवान सत्यनारायण की पूजा व कथा करने से व्यक्ति को क्या-क्या लाभ मिल सकते हैं।
सत्यनारायण कथा का महत्व (Satyanarayan Katha Significance)
स्कंद पुराण में भगवान सत्यनारायण की महिमा का वर्णन मिलता है। जिसके अनुसार, भगवान विष्णु ने नारद को सत्यनारायण व्रत का महत्व बतलाया था। मान्यताओं के अनुसार जो भी भक्तजन, सत्य को ईश्वर मानकर और निष्ठा के साथ इस व्रत कथा का श्रवण करते हैं, उन्हें मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
इस पुराण में यह भी कहा गया है कि सत्यनारायण की कथा सुनने मात्र से व्यक्ति को हजारों वर्षों तक किए गए यज्ञ के बराबर ही फल मिलता है। साथ ही यह भी माना जाता है कि इस कथा के पाठ से साधक के जीवन में आ रही परेशानियां भी दूर हो सकती हैं। साथ ही यह पूजा हमें नकारात्मक शक्तियों से भी बचाती है।
इन बातों का रखें ध्यान (Satyanarayan Puja Niyam)
किसी भी महीने की एकादशी, पूर्णिमा या फिर गुरुवार के दिन भगवान सत्यनारायण पूजा व कथा करना ज्यादा शुभ माना जाता है। साथ ही भगवान सत्यनारायण की कथा और पूजा को स्त्री व पुरुष दोनों द्वारा किया जा सकता है। ऐसा भी कहा जाता है कि जब कोई व्यक्ति सत्यनारायण की कथा का आयोजन करे, तो उसे ज्यादा-से-ज्यादा लोगों को कथा में बुलाना चाहिए।यह भी पढ़ें - Shardiya Navratri 2024: आखिर क्यों शारदीय नवरात्र के प्रथम दिन बोए जाते हैं जौ, कैसे हुई इस परंपरा की शुरुआत