Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: गजानन संकष्टी चतुर्थी पर 'सौभाग्य' योग समेत बन रहे हैं ये 5 शुभ संयोग
धार्मिक मत है कि भगवान गणेश (Gajanana Sankashti Chaturthi 2024) की पूजा करने से जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही सुख-सौभाग्य यश एवं कीर्ति में वृद्धि होती है। इस अवसर पर भगवान गणेश की विशेष पूजा की जाती है। साथ ही मनचाहा वर पाने के लिए गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत भी रखा जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Gajanana Sankashti Chaturthi 2024: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी है। यह पर्व हर वर्ष सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही शुभ कार्यों में सिद्धि पाने के लिए व्रत रखा जाता है। इस व्रत को करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। ज्योतिषियों की मानें तो गजानन संकष्टी चतुर्थी पर सौभाग्य योग समेत 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुख एवं संकट दूर हो जाएंगे।
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शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर होगी। इसके अगले दिन यानी 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर चतुर्थी तिथि समाप्त होगी। सनातन धर्म में सूर्योदय समय से तिथि की गणना की जाती है। अतः 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी मनाई है।
सौभाग्य योग
गजानन संकष्टी चतुर्थी पर सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का संयोग प्रातः काल 11 बजकर 11 मिनट तक है। ज्योतिष सौभाग्य योग को शुभ मानते हैं। इस योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी। साथ ही सभी रुके कार्य पूर्ण हो जाएंगे।
शोभन योग
ज्योतिषियों की मानें तो गजानन संकष्टी चतुर्थी पर शोभन योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण सौभाग्य योग के बाद होगा। शोभन योग का प्रारंभ सुबह 11 बजकर 12 मिनट से होगा। वहीं, समापन 25 जुलाई को सुबह 07 बजकर 49 मिनट पर होगा। इस समय में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी।
शिववास योग
भगवान शिव को समर्पित गजानन संकष्टी चतुर्थी पर शिववास योग का भी निर्माण हो रहा है। इस दिन शिववास योग का शुभारंभ सुबह 07 बजकर 40 मिनट से हो रहा है, जो 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 39 मिनट तक है। आसान शब्दों में कहें तो 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर शिववास योग समाप्त होगा। साथ ही गजानन संकष्टी चतुर्थी पर शतभिषा और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का भी संयोग बन रहा है।
पंचांग
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 13 मिनट पर
चन्द्रोदय- शाम 09 बजकर 40 मिनट पर
चंद्रास्त- प्रात: काल 08 बजकर 43 मिनट पर (25 जुलाई)
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 05 बजकर 11 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 46 मिनट से 03 बजकर 40 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 13 मिनट से 07 बजकर 34 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
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