Sawan 2022: सावन के पूरे माह में करें इन चीजों से भगवान शिव का अभिषेक, होगी हर कामना पूरी
Sawan Somwar Vrat 2022 Puja Vidhi Upay भगवान शिव का दूध जल के अलावा कुछ चीजों से अभिषेक करने से लाभ मिलता है। भगवान शिव के रुद्र रूप की विधि-विधान से पूजा करने पर ग्रह-नक्षत्रों की बाधाएं दूर होती हैं। इसके साथ ही रोगों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
By Shivani SinghEdited By: Updated: Thu, 14 Jul 2022 07:56 AM (IST)
नई दिल्ली, Sawan 2022: वेद-शास्त्रों के अनुसार, सावन माह भोलेनाथका प्रिय माह होता है। इस माह में शिव जी को अभिषेक करने से विशेष लाभ मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अभिषेक करने से हर तरह के दुख-दर्द से छुटकारा मिल जाता है। रुद्राभिषेक का मतलब हुआ है भगवान रुद्र का अभिषेक करना यानी शिवलिंग पर रुद्र मित्रों के साथ अभिषेक करना। सावन मास में रुद्राभिषेक करने से कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। इसलिए सावन माह में पड़ने वाले चारों सावन सोमवार पर अभिषेक किया जा सकता है। शिवलिंग में अभिषेक जल, दूध के अलावा कई चीजों से किया जाता है जिसका फल अलग-अलग होता है।
भगवान शिव का इन तरीकों से करें अभिषेक
सावन में करें भगवान शिव का जल से अभिषेकभगवान शिव के बाल स्वरूप का ध्यान करते हुए शिवलिंग में चढ़ा चला सकते हैं। ऐसा करने से व्यक्ति को हर तरह के दुखों से निजात मिल जाता है।
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सावन में करें भगवान शिव का दूध का अभिषेक
सावन में करें भगवान शिव का दूध का अभिषेक
शिवलिंग में दूध का अभिषेक करना शुभ माना जाता है। इससे शारीरिक और मानसिक सुकून मिलता है। इसके साथ ही कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।सावन में करें भगवान शिव का फलों के रस से अभिषेकभगवान शिव को शुद्ध फलों के रस से भी अभिषेक करना शुभ माना जाता है। स्तुति करते हुए फलों के रस से अभिषेक करने से अखंड धन की प्राप्ति होती है।
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सावन में करें भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक ग्रह बाधा का नाश करने के लिए शिवलिंग में सरसों के तेल से अभिषेक करना शुभ होगा। सरसों का तेल चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। सरसों का तेल चढ़ाने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।भगवान शिव का करें चने की दाल का अभिषेकभगवान शिव का ध्यान करते हुए चने की दाल का अभिषेक करने से हर तरह के कर्ज से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सावन में करें भगवान शिव का काले तिल से अभिषेकभगवान शिव को काले तिल से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि मुट्ठी भर तिल भगवान शिव को चढ़ाने से हर कामना पूर्ण हो जाती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।भोलेनाथ का करें शहद मिश्रित गंगा जल से रुद्राभिषेकशहद मिश्रित गंगा जल से रुद्राभिषेक थोड़े से गंगाजल में शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं जिससे परिवारिक सुख शांति के साथ संतान की प्राप्ति होती है। Pic Credit- instagram/shivanisnghofficialडिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'
सावन में करें भगवान शिव का सरसों के तेल से अभिषेक ग्रह बाधा का नाश करने के लिए शिवलिंग में सरसों के तेल से अभिषेक करना शुभ होगा। सरसों का तेल चढ़ाते समय ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। सरसों का तेल चढ़ाने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।भगवान शिव का करें चने की दाल का अभिषेकभगवान शिव का ध्यान करते हुए चने की दाल का अभिषेक करने से हर तरह के कर्ज से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। सावन में करें भगवान शिव का काले तिल से अभिषेकभगवान शिव को काले तिल से अभिषेक करना भी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि मुट्ठी भर तिल भगवान शिव को चढ़ाने से हर कामना पूर्ण हो जाती है और कष्टों का निवारण हो जाता है।भोलेनाथ का करें शहद मिश्रित गंगा जल से रुद्राभिषेकशहद मिश्रित गंगा जल से रुद्राभिषेक थोड़े से गंगाजल में शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं जिससे परिवारिक सुख शांति के साथ संतान की प्राप्ति होती है। Pic Credit- instagram/shivanisnghofficialडिसक्लेमर'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'