Sawan 2023 Pradosh Vrat: सावन मास का पहला प्रदोष व्रत कब? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
Sawan 2023 Pradosh Vrat श्रावण मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। साथ ही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। आइए जानते हैं कब रखा जाएगा सावन मास का पहला प्रदोष व्रत?
By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Sat, 08 Jul 2023 04:31 PM (IST)
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan 2023 Pradosh Vrat: श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। इसके साथ हिंदू धर्म में सावन प्रदोष व्रत को भी बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन मास में प्रदोष व्रत रखने से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं। बता दें कि प्रत्येक माह के त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस विशेष दिन पर प्रदोष काल में भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। आइए जानते हैं, कब रखा जाएगा सावन मास का पहला प्रदोष व्रत?
सावन 2023 प्रदोष व्रत तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ 14 जुलाई शाम 07:17 पर होगा और स्थिति का समापन अगले दिन 15 जुलाई रात्रि 08:32 पर हो जाएगा। प्रदोष काल में भगवान शिव की उपासना के कारण यह व्रत 14 जुलाई 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष समय शाम 07:21 से रात्रि 09:24 तक रहेगा। इस विशेष दिन पर वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है, जिसमें पूजा-पाठ का विशेष महत्व है।
सावन प्रदोष व्रत पूजा महत्व
जैसा कि हम जानते हैं कि सावन मास में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। उसी प्रकार सावन में प्रदोष व्रत रखने से साधक को संतान सुख, वैवाहिक जीवन में सुख, धन प्राप्ति और ग्रह दोष से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। बता दें कि प्रदोष काल सूर्योदय से लगभग 45 मिनट पहले और सूर्यास्त के 45 मिनट के बाद तक मान्य होता है।डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।