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Sawan 2024: सावन में बेलपत्र से जुड़े नियमों का जरूर रखें ध्यान, तभी सफल मानी जाएगी पूजा

शिव जी की पूजा में बेलपत्र जरूरी रूप से अर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि शिव जी को जल और बेलपत्र अर्पित करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। ऐसे में सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए ताकि आपके ऊपर भगवान भोलेनाथ की कृपा बनी रहे।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Sat, 27 Jul 2024 04:55 PM (IST)
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Belpatra chadane ke Niyam सावन में बेलपत्र से जुड़े नियमों का जरूर रखें ध्यान।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शिव जी की प्रिय माह यानी सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे महादेव की असीम कृपा प्राप्त होती है, जिससे साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं कि सावन में बेलपत्र से जुड़े किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।

इस दिन न तोड़े बेलपत्र

सावन में कभी भी सोमवार के दिन बेलपत्र नहीं तोड़ना चाहिए। क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, इस दिन सभी देवी-देवता बेलपत्र में वास करते हैं और इन्हें तोड़ने से उनका अपमान माना जाता है। इसके साथ ही बेलपत्र को चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि के दिन तोड़ना भी शुभ नहीं माना जाता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

ऐसा माना जाता है कि बेलपत्र कभी भी बासी नहीं होता, इसलिए आप चढ़ाने से कुछ दिन पहले भी बेलपत्र तोड़कर रख सकते हैं और धोकर इसे शिवलिंग पर चढ़ा सकते हैं। इस बात का भी ध्यान रखें कि बेलपत्र को कभी भी टहनी के साथ अर्पित नहीं करना चाहिए।

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इस तरह करें अर्पित

शिव जी को अर्पित करने के लिए हमेशा तीन पत्तियों वाला बेलपत्र ही लेना चाहिए। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करने के लिए अंगूठे, अनामिका और मध्यमा अंगुली का ही इस्तेमाल करना चाहिए। मनोकामना पूर्ति के लिए शिवलिंग पर 11, 21, 51 या फिर 108 बेलपत्र अर्पित करना शुभ माना जाता है।

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बोले ये मंत्र

बेलपत्र तोड़ते समय 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करना चाहिए। आप इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। ऐसा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और साधक को उनके आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।