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Somnath Jyotirlinga: कैसे पड़ा इस ज्योतिर्लिंग का नाम? जानें इसका महत्व और इसके पीछे की पौराणिक कथा

सावन माह को बेहद शुभ माना जाता है। यह माह भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि जो साधक इस दौरान पड़ने वाले सोमवार का व्रत रखते हैं उन्हें भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस बार सावन की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से होगी तो आइए सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 20 Jul 2024 02:34 PM (IST)
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Sawan 2024: सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की महिमा -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना हिंदू धर्म में बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पूरे महीने लोग भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। साथ ही भक्त हर सोमवार को भगवान शिव के लिए व्रत रखते हैं और उनका आशीर्वाद पाने के लिए शिवालय जाते हैं। कहा जाता है कि इस पावन समय के दौरान भगवान शिव के मंदिर जाना बहुत अच्छा माना जाता है। वहीं, इस दौरान अगर 12 ज्योतिर्लिंगों में से किसी एक का भी दर्शन किया जाए, तो जीवन के सभी पाप धुल जाते हैं।

इसके साथ ही जीवन में खुशहाली आती है। आज हम सोमनाथ ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को साझा करेंगे, जो इस प्रकार हैं -

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग की महिमा

12 प्रमुख ज्योतिर्लिंग में से एक सोमनाथ ज्योतिर्लिंग है। यह गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है। सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पहला ज्योतिर्लिंग माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर भगवान शिव साक्षात वास करते हैं, जो भक्त यहां दर्शन के लिए जाते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही कुंडली से चंद्रमा का अशुभ प्रभाव भी समाप्त होता है।

ऐसे पड़ा इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ

शिवपुराण के अनुसार, एक बार राजा दक्ष ने किसी वजह से चंद्र देव को ये श्राप दे दिया था कि उनका प्रकाश दिन-प्रतिदिन कम होता जाएगा, जिसके प्रभाव को समाप्त करने के लिए उन्होंने सरस्वती नदी के निकट इस दिव्य ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी और इसी स्थान पर भगवान शिव की कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से खुश होकर भोलेनाथ ने उनके इस श्राप को सदैव के लिए खत्म कर दिया था। इसके पश्चात चंद्रमा ने देवों के देव महादेव से यहीं ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान रहने की प्रार्थना की। ऐसा माना जाता है कि शिव जी ने उनकी इस प्रार्थना को पूर्ण कर दिया था।

बता दें, चंद्र देव को सोम के नाम से भी जाना जाता है और उन्होंने शिव जी को अपना नाथ मानकर तपस्या की थी, जिसके चलते इस ज्योतिर्लिंग का नाम सोमनाथ पड़ा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहां दर्शन करने से व्यक्ति के सभी दुखों का अंत हो जाता है।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।