Sawan 2024: क्या वाकई नहीं खाना चाहिए शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद? बेहद रहस्यमयी है वजह
सावन का महीना बेहद शुभ माना जाता है। इस पूरे महीने भक्त भक्ति के साथ भगवान शंकर की पूजा करते हैं और प्रत्येक सोमवार उनके लिए व्रत रखते हैं। ऐसा कहा जाता है कि यह अवधि शिव पूजन के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है। ऐसे में जो लोग शिव जी कृपा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें इस माह सोमवार व्रत का पालन करना चाहिए।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना मानसून की शुरुआत का प्रतीक है। यह सनातन धर्म का सबसे महत्वपूर्ण महीना माना जाता है। इस दौरान लोग भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह साल का पांचवां महीना है, जिसे श्रावण माह के नाम से भी जाना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान (Sawan 2024) भगवान शिव की आराधना करने से सभी कार्यों में सिद्धि मिलती है।
शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाएं या नहीं ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सभी देवी- देवता की पूजा का अपना-अपना तरीका होता है। कहा जाता है कि उन्हें अर्पित किए गए भोग का एक अंश उन्हें अर्पित हो जाता है। वहीं, शिवलिंग पर चढ़ाया हुआ प्रसाद भगवान चंडेश्वर को अर्पित हो जाता है, जो शिव जी का रौद्र रूप माने जाते हैं। वे भूतों के स्वामी और बहुत क्रोधी हैं। ऐसे में जो साधक शिवलिंग पर चढ़े हुए भोग को खाते हैं, उन्हें चंडेश्वर भगवान के गुस्से का सामना करना पड़ता है।
वहीं, ऐसा भी माना जाता है कि इसपर चढ़ाया हुआ प्रसाद तामसिक( मांस बन जाता है) हो जाता है, जिसका कारण यह है कि वह चंडेश्वर जी को चढ़ जाता है। इसलिए ही शिवलिंग पर रखा हुआ प्रसाद नहीं खाया जाता है, क्योंकि इससे व्यक्ति के जीवन में गलता प्रभाव पड़ता है और उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
रविवार शिव पूजन समय
- सर्वार्थ सिद्धि योग - सुबह 05 बजकर 40 मिनट से 11 बजकर 47 मिनट तक
- विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक
- गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 14 मिनट से 07 बजकर 35 मिनट तक
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