Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Sawan 2024: सावन में पाना चाहते हैं भगवान शिव की असीम कृपा, तो करें इन मंत्रों का जाप

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना शिव जी को प्रसन्न करने से लिए सबसे उत्तम माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव सच्चे मन से केवल जल चढ़ाने मात्र से प्रसन्न हो जाते हैं। ऐसे में यदि आप भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए सावन सोमवार के दिन व्रत जरूर करें और महादेव के मंत्रों का जाप करें।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 18 Jul 2024 10:15 AM (IST)
Hero Image
Sawan 2024: सावन में करें इन मंत्रों का जाप।

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना भगवान शिव को अति प्रिय माना गया है, इसलिए इस माह में भगवान शिव की आराधना करने से साधक को शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है। इस बार सावन की शुरुआत 22 जुलाई, सोमवार के दिन से हो रही है, जिसका समपान भी 19 अगस्त 2024, सोमवार के दिन ही होगा। ऐसे में आप इस सावन भगवान शिव के मंत्रों का जाप कर उनकी विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् |

उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||

महामृत्युंजय मंत्र, भगवान शिव का सबसे प्रभावशाली और शक्तिशाली मंत्र माना जाता है। ऐसे में यदि आप सावन में रोजाना इस मंत्र का जाप से करते हैं तो इससे महादेव की कृपा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही आर्थिक स्थिति में भी लाभ देखने को मिलता है। इस मंत्र का जाप सुबह के समय कम-से-कम -108 बार करना चाहिए।

'ओम नमः शिवाय'

यह मंत्र भी भगवान शिव को समर्पित एक सरल, लेकिन प्रभावशाली मंत्र है। ऐसे में आप सावन में इस मंत्र का रोजाना जाप करके महादेव की असीम कृपा के पात्र बन सकते हैं।

जल चढ़ाते समय बोलें ये मंत्र

सावन में शिवलिंग पर जल अर्पित करने का विशेष महत्व माना गया है। ऐसे में आप शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। ऐसा करने से महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं।

ॐ नमो भगवते रूद्राय नम:

यह भी पढ़ें - Venus Transit 2024: सावन में इन 4 राशियों को मिलेगा सच्चा प्यार, रिश्ते की भी होगी बात

करें इन मंत्रों का जाप

  • ‘ऊँ शं शंकराय भवोद्भवाय शं ऊँ नमः’
  • ‘नमामिशमीशान निर्वाण रूपं विभुं व्यापकं ब्रह्म वेद स्वरूपं’।।
  • ‘ऊँ शं भवोद्भवाय शं ऊँ नमः’।।
  • ‘ऊँ शं विश्वरूपाय अनादि अनामय शं ऊँ’
  • ‘ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढ़ाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय’।।
  • ‘ऊँ शं शं शिवाय शं शं कुरु कुरु ऊँ’।।

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।