Sawan 2024: सावन के पहले सोमवार पर इस नियम से करें भगवान शिव की पूजा, सभी कष्टों से मिलेगी मुक्ति
आज से भोलेनाथ का सबसे प्रिय महीना शुरू हो गया है। इस पूरी अवधि में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा होती है। ऐसी मान्यता है कि शिव पूजन के लिए श्रावण मास बहुत ही कल्याणकारी माना जाता है। ऐसे में जो साधक उनकी कृपा पाना चाहते हैं उन्हें सावन सोमवार का व्रत करना चाहिए तो चलिए इसकी पूजा विधि जानते हैं -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन का महीना अपने आप में बेहद शुभ माना जाता है। इस बार यह आज यानी 22 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस पूरे महीने सोमवार व्रत रखना बहुत फलदायी माना जाता है, जिसका लोग भक्ति और भाव के साथ पालन करते हैं। साथ ही भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यह समय शिव पूजा के लिए बहुत ही शुभ होता है।
इसमें (Sawan 2024) किसी भी प्रकार के मुहूर्त और योग की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसे में इस दौरान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिव मंदिर अवश्य जाएं और सभी पूजा नियमों का पालन करें।
सावन के शुभ योग
हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 37 मिनट से शुरू हो चुका है। वहीं, इसका समापन रात्रि 10 बजकर 21 मिनट पर होगा। इसके बाद अमृत काल दोपहर 12 बजकर 46 मिनट से दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक रहेगा। फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक रहेगा।
सोमवार व्रत के दौरान इस विधि से करें पूजा
सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। पूरे घर में गंगा जल छिड़कें और अच्छी तरह से पूजा कक्ष साफ करें। इसके बाद ईशान कोण में एक वेदी स्थापित करें। उसमें भगवान शिव की प्रतिमा या शिवलिंग विराजमान करें। गंगा जल और पंचामृत से भोलेनाथ का अभिषेक करें। फिर बेलपत्र, फूल और सफेद चंदन के लेप से सजाएं। ॐ नमः शिवाय का जाप करें या महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार भी जाप कर सकते हैं।व्रती सोमवार व्रत कथा का पाठ करें। अंत में शिव आरती से पूजा को पूर्ण करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमायाचना करें। शिव जी के आशीर्वाद के लिए शिवालय जाएं। तामसिक चीजों से इस पूरे माह परहेज करें। किसी के साथ गलत व्यवहार करने से बचें।यह भी पढ़ें: Sawan 2024: सावन के पहले सोमवार पर करें शिव चालीसा का पाठ, घर स्वयं चलकर आएंगी मां लक्ष्मी
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।