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Sawan 2024: इस दिन शुरू और इस तिथि पर समाप्त होगा सावन, पूजा से पहले जान लें पूर्ण जानकारी

सावन माह को श्रावण माह के नाम से भी जाना जाता है। इस दौरान भक्त अत्यधिक भक्ति और समर्पण के साथ भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। इस बार सावन की शुरुआत 22 जुलाई 2024 से होगी। ऐसा माना जाता है कि यह अवधि शिव पूजन के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 15 Jul 2024 12:18 PM (IST)
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Sawan 2024:कब शुरू और कब खत्म होगा सावन?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सावन को सबसे पवित्र महीनों में से एक माना गया है। यह पूरा महीना भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित है। इस पूरे माह के दौरान, सभी भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि यह अवधि शिव जी को अति प्रिय है, जिसके चलते वे पृथ्वीलोक पर अपने भक्तों के कल्याण के लिए आते हैं। इस साल सावन माह की शुरुआत 22 जुलाई से होगी, तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ प्रमुख बातों को जानते हैं -

कब शुरू और कब खत्म होगा सावन?

इस साल सावन के महीने का आरंभ सर्वार्थ सिद्धि योग में होगा। वहीं, सावन की शुरुआत 22 जुलाई से हो रही है और इसका समापन 19 अगस्त को होगा। इसके अलावा पहले सावन के दिन प्रीति योग, आयुष्मान योग और शुक्रादित्य, नवपंचम, शश योग का संयोग बन रहा है, जो हर मायने में शुभ माना जाता है।

ऐसे करें पूरे सावन पूजा

साधक सुबह जल्दी उठें और पूजा अनुष्ठान शुरू करने से पहले पवित्र स्नान करें। घर और विशेषकर पूजा कक्ष को साफ करें। एक वेदी लें और उस पर भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। पंचामृत और गंगाजल से अभिषेक करें। सफेद चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं। खीर और ऋतु फल का भोग लगाएं। अक्षत, चंदन और इत्र, धतूरा, बेलपत्र भी अर्पित करें।

देसी घी का दीया जलाएं और पूजा करें। भक्त शिव चालीसा और श्रावण मास कथा का पाठ अवश्य करें। अंत में आरती कर पूजा समाप्त करें। पूजा में हुई गलती के लिए क्षमा याचना करें।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।