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Sawan 2024: भगवान शिव का सावन के महीने से क्या है कनेक्शन? जानें इसकी वजह

सनातन धर्म में सावन के महीने को अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस माह में चारों तरफ उत्सव जैसा माहौल देखने को मिलता है और भगवान शिव के मंदिरों में भी बेहद अच्छे तरीके से सजाया जाता है। इस महीने में देवों के देव महादेव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। आइए जानते हैं कि आखिर किस कारण भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय है?

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Wed, 12 Jun 2024 02:01 PM (IST)
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Sawan 2024: भगवान शिव का सावन के महीने से क्या है कनेक्शन? जानें इसकी वजह

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sawan 2024: सावन का महीना देवों के देव महादेव को अधिक प्रिय है। पंचांग के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को पड़ रही है। इसके अगले दिन यानी 22 जुलाई से सावन का महीना शुरू होगा। साथ ही इसका समापन 19 अगस्त 2024 को होगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और महादेव प्रसन्न होते हैं। 

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ये है वजह

शास्त्रों के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव का इसलिए प्रिय माना गया है, क्योंकि पर्वतराज हिमालय की पुत्री मां पार्वती ने भगवान शिव को अपना पति बनाने के लिए सावन के माह में अधिक तपस्या की थी। इससे महादेव प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद दिया था। ऐसी मान्यता है कि इस माह भगवान शिव की उपासना करने से प्रभु जल्द प्रसन्न होते हैं।

एक कथा यह भी प्रचलित है कि सावन के महीने में भोलेनाथ पृथ्वी पर आकर अपने ससुराल जाते हैं। जहां उनका स्वागत किया जाता है। इसलिए उनके स्वागत के लिए शिव भक्त जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करते हैं।

शिव पुराण में सोमवारी व्रत का अधिक महत्व बताया गया है। सावन सोमवारी का व्रत करने से स्त्री और पुरुष करते हैं। इससे जातक को विवाहित स्त्रियों को सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं, अविवाहित जातकों की शादी होने के योग बनते हैं।  

सावन 2024 सोमवार व्रत डेट (Sawan Somwar 2024 Vrat Date)

प्रथम सोमवार- 22 जुलाई

द्वितीय सोमवार- 29 जुलाई

तृतीय सोमवार- 05 अगस्त

चतुर्थ सोमवार- 12 अगस्त

पंचम सोमवार- 19 अगस्त

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।