Kanwar Yatra 2024: कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़िए क्यों बोलते हैं 'बोल बम बम भोले' जानें वजह
हर साल सावन के महीने में कांवड़ यात्रा की शुरुआत होती है। कांवड़िए बोल बम बम भोले के जयकारे से यात्रा को पूरी करते हैं। यात्रा के समय शिव भक्तों में खास उत्साह देखने को मिलता है। क्या आप जानते हैं कि कांवड़ यात्रा के दौरान श्रद्धालु बोल बम बम भोले के जयकारे क्यों लगाते हैं। अगर नहीं पता तो आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sawan 2024: हर साल सावन के महीने में कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra 2024) की शुरुआत होती है। इस दौरान अधिक संख्या में शिव भक्त गंगा नदी से जल लाकर सावन शिवरात्रि पर शिव जी का अभिषेक करते हैं। इस पर्व के लिए शिव मंदिरों को बेहद सुंदर तरीके से सजाया जाता है।
ये है वजह
पौराणिक समय से सावन के महीने में शिव जी का अभिषेक करने की प्रथा चली आ रही है। इस माह के सोमवार को व्रत किया जाता है और कांवड़ यात्रा की शुरुआत होती है। कांवड़िए केसरिया रंग के वस्त्र धारण कर गंगा नदी से जल लाते हैं।सावन में कांवड़िए भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए कई किलोमीटर पैदल चलकर यात्रा पूरी करते हैं। हरिद्वार से गंगाजल लाकर सावन शिवरात्रि पर महादेव का अभिषेक करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और जातक के जीवन में आने वाले दुख और संकट से मुक्ति मिलती है।
यात्रा के दौरान कांवड़िए 'बोल बम बम भोले' के जयकारे से वातवरण शिवमय करते हैं। मान्यता के अनुसार, बोल बम बम भोले के उच्चारण से यात्रा के समय भक्तों से किसी भी तरह का कोई कष्ट नहीं आता है और यात्रा मंगलमय होती है।बोलबम सिद्ध मंत्र है। बता दें, बम शब्द को ब्रह्मा, विष्णु, महेश और ओमकार का प्रतीक माना गया है। इस शब्द के जप से भक्तों को एक नई ऊर्जा प्राप्त होती है।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।
कांवड़ यात्रा के नियम (Kanwar Yatra Ke Niyam)
- कांवड़ यात्रा के दौरान कई नियम का पालन करना अधिक आवश्यक होता है। कांवड़ को नीचे जमीन पर नहीं रखना चाहिए। अगर आप किसी जगह पर रुक रहे हैं, तो कांवड़ को किसी ऊचें स्थान या स्टैंड पर रखें।
- कांवड़ को बिना स्नान किए नहीं छूना चाहिए।
- इसके अलावा यात्रा के समय मांस, मदिरा और तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए।
अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।