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Sawan 2024: शिवलिंग पर संध्याकाल में जल अर्पित क्यों नहीं करना चाहिए? जानें वजह

मान्यता है कि सावन में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी लोक पर आते हैं। इस माह में शिवलिंग पर दूध जल समेत आदि चीजों को अर्पित किया जाता है जिससे महादेव प्रसन्न होकर जातक की सभी मुरादें पूरी करते हैं। शिवलिंग (Shivling Jal Arpan) पूजा के दौरान नियम का पालन करना बेहद आवश्यक होता है। माना जाता है कि नियम का पालन न करने से पूजा अधूरी रहती है।

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 22 Jul 2024 11:11 AM (IST)
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Lord shiva: सावन में जरूर करें शिवलिंग का अभिषेक

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sawan 2024: देवों के देव महादेव को सावन का महीना बेहद प्रिय है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा-अर्चना करने से जातक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। इस माह में पूजा के दौरान शिवलिंग का अभिषेक विधिपूर्वक करना चाहिए। ऐसा करने से महादेव जल्द प्रसन्न होते हैं। कहा जाता है कि संध्याकाल में शिवलिंग (Shivling Puja in evening) पर जल अर्पित नहीं करना चाहिए। आइए जानते हैं इसके पीछे की वजह के बारे में।

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ये है वजह

शिवलिंग पूजा के नियम का उल्लेख शिव पुराण में देखने को मिलता है। शिव पुराण के अनुसार, संध्याकाल में पूजा के दौरान शिवलिंग पर जल चढ़ाना अशुभ माना जाता है। शिवलिंग पर जल अर्पित करने का सबसे शुभ समय सुबह 05 बजे से 11 बजे तक माना जाता है।

शिवलिंग पूजा के नियम

  • शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय पूर्व दिशा की तरफ खड़ा नहीं होना चाहिए। शिवलिंग का मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
  • सनातन शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय दक्षिण दिशा की तरफ खड़े होना शुभ माना जाता है, क्योंकि जातक का मुख उत्तर दिशा की ओर होगा। यह दिशा देवी-देवता की दिशा मानी जाती है।
  • शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए तांबे, चाँदी और कांसे के पात्र का प्रयोग करना चाहिए।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।