Sawan Durgashtami 2024: मां दुर्गा के भोग में शामिल करें प्रिय चीजें, सुख-शांति की होगी प्राप्ति
मासिक दुर्गाष्टमी का दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने में मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtami 2024) व्रत किया जाता है। इस दिन मां दुर्गा को प्रिय चीजों का भोग लगाना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि मां दुर्गा को भोग लगाने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन खुशियों से भर जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Maa Durga Ke Bhog: हर महीने के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि पर मासिक दुर्गाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन मां दुर्गा के भक्तों के लिए बहुत शुभ माना जाता है। धार्मिक मत है कि मासिक दुर्गाष्टमी के सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को सुख-शांति की प्राप्ति होती है। अगर आप भी मां दुर्गा को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो सावन दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा को प्रिय चीजों का भोग लगाएं। इससे साधक की सभी मुरादें पूरी होंगी। चलिए जानते हैं कि मां दुर्गा को किन चीजों का भोग लगाना चाहिए?
सावन दुर्गाष्टमी 2024 डेट और शुभ मुहूर्त (Sawan Durgashtami 2024 Date and Shubh Muhurat)
ज्योतिषियों की मानें तो सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 12 अगस्त को भारतीय समयानुसार सुबह 07 बजकर 56 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, अष्टमी तिथि का समापन 13 अगस्त को सुबह 09 बजकर 31 मिनट पर होगा। अत: 13 अगस्त को सावन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी है।
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मां दुर्गा को लगाएं प्रिय चीजों का भोग (Maa Durga Ke Bhog)
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सावन दुर्गाष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद मां दुर्गा की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें और प्रिय चीजों को भोग लगाएं। ऐसा माना जाता है कि मां दुर्गा को भोग न लगाने से पूजा सफल नहीं होती है। उनके भोग में खीर, पूरी, चने और हलवा को शामिल करें। इससे साधक को जीवन में कोई भी परेशानी नहीं आएगी।
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अगर आप सुख-समृद्धि में वृद्धि चाहते हैं, तो सावन दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को दूध और घी से बनी मिठाई का भोग लगाएं। माना जाता है कि इन चीजों का भोग लगाने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और साधक की सभी मुरादें पूरी होती हैं। इसके अलावा मालपुआ को भोग में शामिल करने से बुद्धि का विकास होता है।
भोग लगाते समय इस मंत्र का करें जाप (Bhog Mantra)
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
इस मंत्र का अर्थ है कि हे भगवान जो भी मेरे पास है। वो आपका दिया हुआ है। मैं आपको दिया हुआ अर्पित करता हूं। मेरे इस भोग को आप स्वीकार करें।
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