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Sawan month 2024: सावन के दौरान इन वास्तु नियमों का रखें ध्यान, वरना भंग हो सकती है पूजा

सावन माह बेहद कल्याणकारी माना जाता है। यह साल का सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस दौरान भक्त भगवान शंकर की पूजा करते हैं और उनके लिए कठिन उपवास का पालन करते हैं। इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से होगी तो चलिए इस माह से जुड़े कुछ वास्तु नियमों को जानते हैं जिनसे पूजा में किसी प्रकार का विघ्न न पड़े।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 14 Jul 2024 01:27 PM (IST)
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Sawan month 2024:सावन के दौरान इन वास्तु टिप्स का रखें ध्यान -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। श्रावण मास भगवान शंकर की पूजा के लिए समर्पित है। इस दौरान पड़ने वाले सभी सोमवार को भक्त व्रत रखते हैं और बेलपत्र, धतूरा, दूध, चावल, चंदन आदि चीजें भोलेनाथ को समर्पित करते हैं। इसी माह में मां माता पार्वती के लिए मंगला गौरी का व्रत भी रखा जाता है, जो प्रत्येक मंगलवार को मनाया जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन की शुरुआत 22 जुलाई से होगी, जब इस पवित्र अवधि को कुछ ही दिन शेष हैं, तो क्यों न शिव पूजा से जुड़ी कुछ वास्तु टिप्स जान लें, जिससे पूजा में किसी प्रकार का विघ्न न पड़े और शिव कृपा बनी रहे, तो चलिए जानते हैं -

सावन के दौरान इन वास्तु टिप्स का रखें ध्यान

  • सावन माह के दौरान अपने घर में शमी का पौधा लगाएं। इसके बाद पौधे के नीचे  शनिवार के दिन ही शिवलिंग की स्थापना करें और पूरे माह शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और विधि पूर्वक पूजा-पाठ करें। इससे शनि दोष दूर होगा। साथ ही भोलेनाथ की कृपा प्राप्त होगी।
  • वास्तु के अनुसार, शिव परिवार की तस्वीर व प्रतिमा उत्तर दिशा में लगानाी चाहिए, इससे शिव जी की कृपा प्राप्त होती है, लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि शिव तांडव व क्रोध वाली कोई भी तस्वीर अपने घर में न लगाएं।
  • वहीं, जो शिव भक्त अपने घर में शिवलिंग की स्थापना करना चाहते हैं, वे सावन में कर सकते हैं। यह माह भोलेनाथ को अति प्रिय है। इसके साथ ही शिवलिंग की स्थापना करते समय दिशा का ध्यान जरूर रखें। कहा जाता घर की ईशान कोण अर्थात उत्तर और पूर्व के बीच की दिशा शिवलिंग की स्थापना के लिए बेहद शुभ मानी जाती है।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।