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Sawan Pradosh Vrat 2023: रोहिणी नक्षत्र में रखा जाएगा सावन का पहला प्रदोष व्रत, जानिए पूजा शुभ मुहूर्त और उपाय

Sawan Pradosh Vrat 2023 हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक मास के त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। बता दें कि सावन मास में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के शुभ अवसर पर भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में आ रही समस्याएं दूर हो जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Wed, 12 Jul 2023 04:45 PM (IST)
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Sawan Pradosh Vrat 2023 प्रदोष व्रत के दिन इस शुभ मुहूर्त में करें भगवान शिव की उपासना।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan Pradosh Vrat 2023: हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन मास का पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती है और भक्तों को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

बता दें कि जिस प्रकार श्रावन मास में सोमवार व्रत का विशेष महत्व है, ठीक उसी प्रकार सावन में प्रदोष व्रत को भगवान शिव की उपासना के लिए बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है। बता दें कि सावन के प्रथम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना के लिए दो अत्यंत शुभ मुहूर्त का निर्माण हो रहा है। आइए पंचांग से जानते हैं, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और उपाय।

सावन प्रदोष व्रत 2023 पूजा शुभ मुहूर्त कब?

हिन्दू पंचांग में बताया गया है कि 14 जुलाई 2023, शुक्रवार के दिन सावन का प्रथम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन दो अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन वृद्धि योग सुबह 08 बजकर 28 मिनट से शुरू हो रहा है और रोहिणी नक्षत्र रात्रि 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

सावन प्रदोष व्रत पर किन उपायों से मिलेगा लाभ?

  • सावन प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का अभिषेक शहद से करें। ऐसा करने से जीवन में आ रही सभी प्रकार की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं। साथ ही साधक को लंबे समय से अटके हुए कर्ज से मुक्ति मिलती है।

  • सावन के प्रथम प्रदोष व्रत के दिन अक्षत, सफेद पुष्प, चंदन, भांग, धतूरा, धूप, दीप, पंचामृत, सुपारी और बेलपत्र से भगवान शिव का अभिषेक करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न होते हैं और साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं।

  • सावन प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर भगवान शिव का जलाभिशेक करें और प्रदोष काल में रुद्राभिषेक करें। साथ ही पूजा के अंत में मन ही मन अपनी मनोकामनाएं दोहराएं। इसके साथ भगवान शिव के मूल मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जाप निरंतर करते रहें।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन मास का पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।

सावन प्रदोष व्रत के दिन पूजा का समय शाम 07:21 से रात्रि 09:24 तक रहेगा। साथ ही इस दिन तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है।

सावन में प्रदोष व्रत रखने से साधक को संतान सुख, वैवाहिक जीवन में सुख, धन प्राप्ति और ग्रह दोष से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है।