Sawan Pradosh Vrat 2023: 14 या 15 जुलाई कब है सावन का प्रथम प्रदोष व्रत? जानिए तिथि और समय
Shani Pradosh Vrat 2023 श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। बता दें कि सावन मास का प्रथम प्रदोष व्रत शनि प्रदोष व्रत के रूप में रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान शिव की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं आइए जानते हैं कब रखा जाएगा सावन का प्रथम प्रदोष व्रत।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan Pradosh Vrat 2023: वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन सावन का प्रथम प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस विशेष दिन पर भगवान शिव की उपासना का बहुत महत्व है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
बता दें कि श्रावण कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 14 जुलाई से शुरू होगी और इसका समापन 15 जुलाई को होगा। ऐसे में लोगों के मन में यह प्रश्न उठ रहा है कि सावन का प्रथम प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा? आइए आचार्य श्याम चंद्र मिश्र जी से जानते हैं 14 या 15 जुलाई, किस दिन रखा जाएगा प्रदोष व्रत?
शनि प्रदोष व्रत 2023 तिथि और मुहूर्त (Shani Pradosh Vrat 2023 Shubh Muhurat)
आचार्य मिश्र बताते हैं कि सावन मास के शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि 14 जुलाई को शाम 07:08 से प्रारंभ होगी और इस तिथि का समापन 15 जुलाई रात्रि 08:33 पर होगा। ऐसे में प्रदोष काल 15 जुलाई 2023, शनिवार को मान्य होने के कारण, सावन का प्रथम प्रदोष व्रत इसी दिन रखा जाएगा।
शनि प्रदोष व्रत 2023 उपाय (Shani Pradosh Vrat Upay)
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शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना अक्षत, चंदन, बेलपत्र, दूध और गंगाजल से करने से महादेव की कृपा साधक पर बनी रहती है। साथ ही उनकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ शनि देव की उपासना का भी विशेष महत्व है। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक के साथ शनि देव को सरसों का तेल अर्पित करने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है।
सावन के प्रथम प्रदोष व्रत के दिन शिव रक्षा स्तोत्र का पाठ जरूर करें। ऐसा करने से भगवान शिव अपने भक्तों की मनोकामना पूर्ण कर देते हैं।
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अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और शनि देव की उपासना करने से जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
सावन का महीना भगवान शिव की उपासना के लिए जाना जाता है। ऐसे में सावन में प्रदोष व्रत रखने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।