Sawan Purnima 2024: सावन पूर्णिमा पर जरूर दें चंद्रमा को अर्घ्य, नोट करें सही विधि और चंद्रोदय समय
सावन माह की पूर्णिमा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस साल यह 19 अगस्त को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु शिव जी और चंद्र देव की पूजा होती है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस पवित्र दिन का व्रत रखते हैं और चंद्र देव को अर्घ्य देते हैं उनकी सभी मुरादें पूर्ण होती हैं। इसके साथ ही यह तिथि स्नान-दान के लिए बेहद शुभ मानी जाती है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सनातन धर्म में सावन की पूर्णिमा का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस शुभ दिन पर चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है और उसकी दिव्य ऊर्जा पृथ्वी पर पड़ती हैं। सावन पूर्णिमा का बेहद महत्व है, क्योंकि यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सच्चे भाव के साथ पूजा-अर्चना करने से जीवन में सुख और शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन माह की पूर्णिमा (Sawan Purnima 2024) 19 अगस्त को मनाई जाएगी। वहीं, इस तिथि पर चंद्रमा को अर्घ्य देने का खास विधान है, तो चलिए इसकी सही विधि जानते हैं, जो इस प्रकार है।
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सावन पूर्णिमा तिथि और समय (Sawan Purnima 2024 Date Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सावन मास की पूर्णिमा 19 अगस्त, 2024 को मनाई जाएगी। सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त को सुबह 03 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, यह तिथि रात्रि 11 बजकर 55 मिनट तक मान्य रहेगी। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। ऐसे में कोशिश करें इस तिथि पर ज्यादा से ज्यादा पूजा-पाठ करें।अर्घ्य देने का समय
सावन महीने की पूर्णिमा का व्रत चंद्र देव को अर्घ्य दिए बिना अधूरा माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल सावन पूर्णिमा पर चंद्रोदय शाम 06 बजकर 56 मिनट पर होगा।
अर्घ्य देने का सही नियम (Chandra Arghya Vidhi)
सबसे पहले सुबह उठकर गंगा स्नान करें, जो लोग किसी वजह से गंगा स्नान के लिए नहीं जा सकते हैं, वे घर पर ही स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद शाम के समय फिर से स्नान करें। चंद्रोदय के बाद चंद्रमा को अर्घ्य दें। अर्घ्य के जल में चांदी या फिर तांबे के सिक्के, अक्षत, रोली, सफेद फूल, पान, सुपारी, कच्चा दूध आदि चीजें मिलाएं। इसके बाद चंद्र देव को अर्घ्य दें। चांद की रौशनी में कुछ देर ध्यान करें। वैदिक मंत्रों का जाप सच्चे भाव के साथ करें। अर्घ्य देते समय भूलकर भी जूता, चप्पल न पहनें। सही दिशा में मुख करके अर्घ्य दें।अर्घ्य के दौरान तामसिक चीजों से दूर रहें। साथ ही अर्घ्य देते समय भगवान चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें।अर्घ्य देते समय करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
- ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।