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Sawan Putrada Ekadashi 2024: पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु को अर्पित करें ये भोग, पूरी होंगी सभी मुरादें

सावन की पुत्रदा एकादशी (Sawan Putrada Ekadashi 2024) पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। सावन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। ऐसी मान्यता है जो साधक इस शुभ दिन का उपवास रखते हैं उन्हें सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस साल यह एकादशी 16 अगस्त को मनाई जाएगी।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Thu, 08 Aug 2024 04:00 PM (IST)
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Sawan Putrada Ekadashi Bhog 2024: पुत्रदा एकादशी भोग -
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन की पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। पूरे साल में कुल 24 एकादशी मनाई जाती हैं, जिनमें से पुत्रदा एकादशी साल में दो बार पड़ती हैं, एक श्रावण माह में और दूसरी पौष माह में। हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष के 11वें दिन मनाई जाती है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी 16 अगस्त को मनाई जाएगी, जो बेहद शुभ मानी जा रही है, तो आइए श्री हरि को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय भोग (Sawan Putrada Ekadashi Bhog 2024) के बारे में जानते हैं।

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Sawan Putrada Ekadashi Shubh Muhurat 2024)

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, एकादशी तिथि का समापन 16 अगस्त को सुबह 09 बजकर 39 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 16 अगस्त को श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा। इसके साथ ही इसका पारण 17 अगस्त को सुबह 05 बजकर 51 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 05 मिनट के बीच किया जाएगा।

पुत्रदा एकादशी भोग (Sawan Putrada Ekadashi Bhog 2024)

सावन पुत्रदा एकादशी में भगवान विष्णु को नाशपाती, अमरुद, मोसंबी, पंजीरी, केसर की खीर, पंचामृत आदि चीजों का भोग लगा सकते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन भोग को अर्पित करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। एकादशी का दिन श्री हरि को बेहद प्रिय है। ऐसे में उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं, जिससे व्रत का पूरा फल प्राप्त हो सके।

भोग लगाते समय करें इस मंत्र का जाप (Sawan Putrada Ekadashi Mantra 2024)

  • त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।