Move to Jagran APP

Sawan Somvar 2023: रेवती नक्षत्र में प्रारंभ होगा सावन का प्रथम सोमवार, इस विधि से करें भगवान शिव की उपासना

Sawan Somvar 2023 सावन माह का पहला सोमवार व्रत 10 जुलाई 2023 के दिन रखा जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव की उपासना करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। बता दें कि सावन के पहले सोमवार के दिन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है जिसमें पूजा पाठ करने से साधकों को लाभ मिलेगा। आइए जानते हैं।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Thu, 06 Jul 2023 11:08 AM (IST)
Hero Image
Sawan Somvar 2023: सावन के पहले सोमवार पर इस विधि से करें भगवान शिव की उपासना।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan Somvar 2023: हिंदू धर्म में सावन मास को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह महीना भगवान शिव की उपासना के लिए समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना करने से साधक को सुख, समृद्धि, बल एवं बुद्धि का आशीर्वाद मिलता है। बता दें कि सावन मास में प्रत्येक सोमवार के दिन विशेष व्रत रखा जाता है। इस वर्ष सावन का प्रथम सोमवार 10 जुलाई के दिन पड़ रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं, सावन प्रथम सोमवार के दिन किस विधि से करें भगवान शिव की पूजा और नियम।

सावन सोमवार 2023 शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन सोमवार का शुभारंभ रेवती नक्षत्र में होगा। बता दें कि ज्योतिष शास्त्र में रेवती नक्षत्र को श्रेष्ठ कार्यों के लिए बहुत ही शुभ माना गया है। इस दिन रेवती नक्षत्र शाम 06 बजकर 59 मिनट तक रहेगा और उसके बाद अश्विनी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। इस मुहूर्त को भी शुभ कार्यों के लिए बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है।

सावन सोमवार 2023 व्रत विधि

सावन के प्रथम सोमवार के दिन प्रातः मंदिर जाकर भगवान शिव और उनके समस्त परिवार की धूप, दीप, फल इत्यादि से पूजा करें और व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान शिव का जलाभिषेक अवश्य करें। इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, चंदन इत्यादि अर्पित करें और भगवान शिव को पंच फलों का भोग लगाएं। पूजन के बाद शाम के समय भगवान शिव को मीठे का भोग अर्पित करें। सावन सोमवार के दिन दान धर्म का भी विशेष महत्व है। इसलिए व्रत के साथ-साथ किसी जरूरतमंद को अन्न या धन का दान अवश्य करें।

सावन सोमवार के दिन रखें इन बातों का ध्यान

  • सावन के प्रथम सोमवार के दिन किसी ब्राहमण या जरूरतमंद व्यक्ति को सफेद चंदन, चावल, चांदी, मिश्री, घी, दूध, दही, खीर आदि का दान अवश्य करें। संध्या काल में ऐसा करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होगा और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होगी।

  • भगवान शिव की पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। शास्त्रों में बताया गया है कि कोई व्यक्ति यदिभगवान शिव की पूजा के समय 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जाप भी करता है तो उससे महादेव प्रसन्न हो जाते हैं।

  • भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने के भी कुछ नियम शास्त्रों में बताए गए हैं। बता दें कि बेलपत्र में तीन पत्तियां एक साथ होनी चाहिए। कुछ भी कटा या फटा नहीं होना चाहिए। साथ ही बेलपत्र की संख्या का भी ध्यान रखें। सावन के महीने में 11, 21, 51 या 101 बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं।

डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।