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Sawan Somwar 2024: इस दिन से शुरू करें सोलह सोमवार व्रत, दांपत्य जीवन होगा खुशहाल

सावन में शिव मंदिरों में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। धार्मिक मत है कि सोलह सोमवार (Solah Somwar Vrat) व्रत करने से जातक को मनचाहे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है। साथ ही दांपत्य जीवन सदैव खुशहाल रहता है। अगर आप भी अपना जीवन सुखमय और महादेव की कृपा प्राप्त करना चाहते हैं तो आइए जानते हैं सोलह सोमवार व्रत कब से शुरू कर सकते हैं?

By Kaushik Sharma Edited By: Kaushik Sharma Updated: Mon, 22 Jul 2024 10:02 AM (IST)
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Sawan 2024: बेहद शुभ है सावन का महीना

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Sawan Somwar 2024 Vrat: सावन का महीना देवों के देव महादेव को अति प्रिय है। सावन में श्रद्धा भाव से साधक शिव जी की पूजा-अर्चना करते हैं। साथ ही शुभ फल की प्राप्ति के लिए सोमवार का व्रत भी करते हैं। मान्यता है कि इस महीने में भगवान शिव और माता पार्वती पृथ्वी लोक पर आते हैं। ऐसे में वातावरण शिवमय हो जाता है। सोलह सोमवार व्रत करने से जातक को शिव जी और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।

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इस दिन से शुरू करें सोलह सोमवार व्रत

सनातन शास्त्रों में सोलह सोमवार व्रत का बेहद खास महत्व है। सोलह सोमवार का व्रत की शुरुआत कार्तिक और मार्गशीर्ष माह में करना शुभ माना जाता है, लेकिन इस व्रत को सावन में करना सबसे उत्तम माना जाता है।

सावन सोमवार व्रत पूजा विधि

सावन सोमवार व्रत के दिन सुबह उठें और दिन की शुरुआत शिव जी के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान-ध्यान कर मंदिर की साफ-सफाई करें। अब दूध, घी, शक्कर, गुड़, दही और गंगाजल समेत आदि चीजों से शिव जी का रुद्राभिषेक करें। साथ ही महादेव को बेलपत्र, चंदन, अक्षत, फल अर्पित करें। दीपक जलाकर आरती करें और व्रत का संकल्प लें। इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र या 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का जप करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ और आरती करें। अब प्रभु को फल, मिठाई और फल आदि चीजों का भोग लगाएं।

सावन सोमवार व्रत भगवान शिव मंत्र

1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।

उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

2. मन्दाकिनीसलिलचन्दनचर्चिताय नन्दीश्वरप्रमथनाथमहेश्वराय ।

मन्दारपुष्पबहुपुष्पसुपूजिताय तस्मै मकाराय नम: शिवाय ।।

3. नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय ।

नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नम: शिवाय ।।

4. शिवाय गौरीवदनाब्जवृन्द सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय ।

श्रीनीलकण्ठाय वृषध्वजाय तस्मै शिकाराय नम: शिवाय ।।

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अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।