Sawan Somwar 2023: भगवान शिव के भक्तों को इस दिन मिलेगा पूजा का सर्वाधिक लाभ, पूर्ण होगी सभी मनोकामना
Sawan Somwar 2023 श्रावण मास में भगवान शिव की उपासना का विशेष महत्व है। श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। साथ ही जीवन में आ रही कई प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती है। श्रावण मास में सोमवार व्रत के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधक को सुख एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क । Sawan Somwar 2023: भगवान शिव की उपासना के लिए श्रावण मास को बहुत ही सर्वोत्तम माना जाता है। मान्यता है कि श्रावण मास में प्रत्येक सोमवार के दिन भगवान शिव की उपासना करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है और उन्हें रोग, दोष व विभिन्न प्रकार की समस्याओं से मुक्ति प्राप्त हो जाती है। पंचांग के अनुसार, 14 अगस्त 2023 के दिन सावन अधिक मास का चतुर्थ सोमवार व्रत रखा जाएगा। साथ ही इस दिन अधिक मासिक शिवरात्रि व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है और शिव के भक्तों को इस दिन पूजा का विशेष लाभ प्राप्त होगा। आइए जानते हैं, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त और महत्व।
सावन अधिक मास सोमवार व्रत 2023 शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन सावन अधिक मास का चतुर्थ सोमवार व्रत रखा जाएगा। साथ ही इसी दिन अधिक मासिक शिवरात्रि व्रत भी रखा जाएगा। बता दें कि इस दिन पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र का निर्माण हो रहा है। साथ ही इस विशेष दिन पर सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है। पंचांग के अनुसार, पुनर्वसु नक्षत्र सुबह 11:07 तक रहेगा और इसके बाद पुष्य नक्षत्र शुरू हो जाएगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11:07 से 15 अगस्त सुबह 5:50 तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस शुभ मुहूर्त में महादेव की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है।
Shiv Chalisa: शिव चालीसा का पाठ करते समय रखें इन बातों का ध्यान
सावन सोमवार के दिन शिव भक्तों को मिलेगा दोगुना लाभ
ज्योतिष पंचांग के अनुसार, अधिक मास 3 साल में एक बार आता है। जिस वजह से इसमें रखे जाने वाले व्रत एवं त्योहार का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। बता दें कि अधिक मास में शिवरात्रि व्रत का विशेष महत्व है। साथ ही अधिक मास के कारण इस वर्ष श्रावण मास दो महीने का है। बता दें कि सावन अधिक मास के चतुर्थ सोमवार व्रत के दिन मासिक शिवरात्रि व्रत भी रखा जाएगा। ऐसे में इस दिन सुबह के समय भगवान शिव का रुद्राभिषेक एवं रात्रि के समय शिव जी की चार प्रहर रात्रि पूजा करने से साधक को विशेष लाभ मिलेगा और महादेव अपने भक्तों से प्रसन्न होंगे।
Lord Shiva: कठोर तपस्या के दौरान भगवान शिव ने यूं ली थी माता पार्वती की परीक्षा, जानिए पौराणिक कथा
डिसक्लेमर: इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहे।