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Mangla Gauri Vrat 2024: सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत पर इस नियम से करें पूजा, नोट करें शुभ योग और मंत्र

सनातन धर्म में मंगला गौरी व्रत बेहद पुण्यदायी माना गया है। यह श्रावण माह के प्रत्येक मंगलवार को रखा जाता है। यह दिन माता गौरी की पूजा के लिए समर्पित है। ऐसा कहा जाता है कि यह व्रत करने से वैवाहिक जीवन से जुड़ी सभी समस्याओं का अंत होता है तो चलिए इस दिन से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Mon, 29 Jul 2024 02:32 PM (IST)
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Mangla Gauri Vrat 2024: मंगला गौरी व्रत पूजा विधि -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। सावन के सबसे शुभ दिनों में से एक मंगला गौरी का व्रत माना जाता है। यह हर साल पूर्ण भक्ति के साथ मनाया जाता है। 30 जुलाई, 2024 दिन मंगलवार को सावन का दूसरा मंगला गौरी व्रत रखा जाएगा। इस दौरान महिलाएं व्रत करती हैं, और मां गौरी की विधिपूर्वक पूजा करती हैं। सावन के प्रत्येक मंगलवार को विवाहित महिलाएं कठिन व्रत का पालन करती हैं। ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं इस व्रत को रखती हैं, उन्हें अंखड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

साथ ही परिवार में शुभता का आगमन होता है, तो आइए सावन के दूसरे मंगला गौरी व्रत ( Second Mangla Gauri Vrat 2024) की पूजा कैसे करनी है? उसके बारे में जानते हैं -

मंगला गौरी व्रत 2024 पूजा विधि

भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। व्रत का संकल्प लें। अपने पूजा कक्ष की अच्छी तरह से सफाई करें। महिलाएं लाल रंग के वस्त्र धारण करें। एक चौकी पर मां गौरी की प्रतिमा विराजमान करें। मां गौरी का ध्यान करें और उनका अभिषेक करें। देवी को आभूषणों और वस्त्रों से सजाएं। फिर उनका सोलह शृंगार करें।

सिंदूर का तिलक लगाएं। देसी घी का दीपक जलाएं। देवी के मंत्रों का जाप करें। मंगला गौरी कथा का पाठ करें या फिर सुनें। खीर, ऋतु फल और घर पर बनी सात्विक चीजों का भोग लगाएं। आरती से अपनी पूजा को पूर्ण करें।

पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे और बड़ों का आशीर्वाद लें। अगले दिन प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें। फिर सात्विक भोजन करें। इसके अलावा इस दिन भूलकर भी किसी का अपमान न करें।

देवी गौरी पूजन मंत्र

  • कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

    सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।

  • या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥
  • सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सवार्थ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।

मंगला गौरी व्रत शुभ योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, सर्वार्थ सिद्धि योग 04 बजकर 41 मिनट से 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इसके साथ ही अमृत काल सुबह 08 बजकर 02 मिनट से 09 बजकर 36 मिनट तक रहेगा। वहीं, विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। यह समय किसी भी शुभ कार्य के लिए अत्यंत उत्तम होता है।

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''