Move to Jagran APP

Shaligram Puja niyam: घर में स्थापित हैं शालिग्राम, तो भूलकर भी न करें ये गलतियां

हिंदू धर्म में शालिग्राम को भगवान विष्णु के ही रूप में पूजा जाता है। शास्त्रों में इस बात का वर्णन मिलता है कि यदि नियमानुसार भगवान शालिग्राम की पूजा-अर्चना की जाए तो इससे साधक को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि यदि आपके घर में शालिग्राम जी स्थापित हैं तो कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।

By Suman Saini Edited By: Suman Saini Updated: Thu, 07 Nov 2024 07:57 PM (IST)
Hero Image
Shaligram Puja niyam: भूलकर भी न करें ये गलतियां।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शालिग्राम जी की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है। नियमित रूप से भगवान विष्णु के इस रूप की पूजा-अर्चना करने से साधक पर देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है, जिससे साधक का जीवन खुशियों से परिपूर्ण होता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि शालिग्राम जी की पूजा के दौरान किन बातों का खास तौर से ख्याल रखना चाहिए, ताकि आपको पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो।

इन बातों का रखें ध्यान

यदि आपके घर में शालिग्राम जी स्थापित हैं, तो उनकी पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए और पूजा का क्रम टूटना नहीं चाहिए। शालिग्राम जी की पूजा में स्वच्छता और पवित्रता का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस बात का भी खासतौर से ध्यान रखें कि घर में केवल एक ही शालिग्राम होना चाहिए, अन्यथा आपको वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है। जिस घर में शालिग्राम जी स्थापित होते हैं, वहां कभी भी मांस-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।

न चढ़ाएं ये चीजें

शालिग्राम जी की पूजा में उन्हें कभी भी अक्षत नहीं चढ़ाने चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता। लेकिन अगर आप चावलों को हल्दी से पीला रंग देते हैं, तो इसके बाद ये चावल शालिग्राम जी को अर्पित किए जा सकता हैं।

यह भी पढ़ें - Deepak ke Niyam: शास्त्रों के अनुसार, रोजाना घर के इन स्थानों पर जलाएं दीया, धन की देवी को होगा आगमन

इस तरह करें पूजा

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करे। इसके बाद शालिग्राम जी को पंचामृत (दूध, दही, शहद, शक्कर, घी) से स्नान कराएं और इसके बाद चंदन लगाएं। इसके बाद पूजा में चंदन, फूल आदि अर्पित करें और शुद्ध घी का दीपक जलाएं। पूजा के दौरान ओम नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥ मंत्र का जप करें। भोग अर्पित करते समय उसमें तुलसी का पत्ता जरूर डालें। पूजा के अंत में विष्णु जी की आरती करें और प्रसाद के रूप में पंचामृत का सेवन करें व दूसरों को भी बांटें।

यह भी पढ़ें - Shaligram Puja: शालिग्राम जी की उपस्थिति से तीर्थ बन जाता है घर, पूजा में जरूर करें इस मंत्र का जाप

अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।