Shani Chalisa: शनिवार के दिन शनि चालीसा का करें पाठ, जीवन की परेशानियों से मिलेगा छुटकारा
शनि देव की उपासना करने से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति प्राप्त हो जाती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शनिवार का दिन भगवान शनि देव की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। शनि देव की पूजा के समय शनि चालीसा का पाठ करने या सुनने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा शनि देव के बुरे प्रभाव से छुटकारा मिलता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Chalisa: शनिवार के दिन भगवान शनि देव की पूजा करने का विधान है। भगवान शनि देव को कर्मफल दाता और न्याय का देवता माना जाता है। मान्यता के अनुसार, शनि व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है। जीवन में सुख-समृद्धि और शांति मिलती है। माना जाता है कि शनि देव की उपासना करने से साधक को सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। शनिवार का दिन भगवान शनि देव की पूजा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। मान्यता है कि शनि देव की पूजा के समय शनि चालीसा का पाठ करने या सुनने से शनि दोष से छुटकारा मिलता है। भगवान शनि देव की पूजा के दौरान यहां बताई चालीसा का पाठ करें। धार्मिक मत है कि शनि चालीसा का पाठ करने या सुनने से भगवान शनि देव प्रसन्न होते हैं और जीवन की परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
शनि चालीसा
॥ दोहा ॥जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥॥ चौपाई ॥जयति जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥परम विशाल मनोहर भाला।टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।हिय माल मुक्तन मणि दमके॥कर में गदा त्रिशूल कुठारा।पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥पर्वतहू तृण होई निहारत।तृणहू को पर्वत करि डारत॥राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥बनहूँ में मृग कपट दिखाई।मातु जानकी गई चुराई॥लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।मचिगा दल में हाहाकारा॥रावण की गति-मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥दियो कीट करि कंचन लंका।बजि बजरंग बीर की डंका॥नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।चित्र मयूर निगलि गै हारा॥हार नौलखा लाग्यो चोरी।हाथ पैर डरवायो तोरी॥यह भी पढ़ें: Durga Puja: साहस में होगी वृद्धि, मिलेगी कार्यक्षेत्र में सफलता, जानें महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र के लाभ
भारी दशा निकृष्ट दिखायो।तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥विनय राग दीपक महं कीन्हयों।तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।आपहुं भरे डोम घर पानी॥तैसे नल पर दशा सिरानी।भूंजी-मीन कूद गई पानी॥श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।पारवती को सती कराई॥तनिक विलोकत ही करि रीसा।नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।बची द्रौपदी होति उघारी॥कौरव के भी गति मति मारयो।युद्ध महाभारत करि डारयो॥रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।लेकर कूदि परयो पाताला॥शेष देव-लखि विनती लाई।रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥वाहन प्रभु के सात सुजाना।जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥जम्बुक सिंह आदि नख धारी।सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥गर्दभ हानि करै बहु काजा।सिंह सिद्धकर राज समाजा॥जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।चोरी आदि होय डर भारी॥तैसहि चारि चरण यह नामा।स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥समता ताम्र रजत शुभकारी।स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै।कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।दीप दान दै बहु सुख पावत॥कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥॥ दोहा ॥पाठ शनिश्चर देव को, की हों भक्त तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥यह भी पढ़ें: Margashirsha Purnima 2023: मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें ये उपाय, धन से भर जाएगी आपकी झोलीAuthor- Kaushik Sharmaडिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।