Move to Jagran APP

Shani Kavach: शनि देव के प्रकोप से बचाएगा ये कवच, शनिवार के दिन पाठ करने से होगा सभी दुखों का अंत

Shani Kavach शनिदेव को हिंदू धर्म में कर्मफल दाता के रूप में जाना जाता है क्योंकि वह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। कई बार अपने बुरे कर्मों की वजह से हमें उनके प्रकोप का सामना करना पड़ता है। ऐसे में शनि कवच का पाठ हमें शनि देव के प्रकोप से बचा सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Suman SainiUpdated: Sat, 30 Sep 2023 07:00 AM (IST)
Hero Image
Shani Dev शनि देव के प्रकोप से बचाएगा ये कवच

नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क। Shani Dev Kavach: शनिवार के दिन भगवान शनि देव (Shani Dev) की पूजा करने का विधान है। इस दिन भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए कई सारे उपाय किए जाते हैं, जिससे भगवान शनि अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। ऐसे में अगर आप शनिवार के दिन शनि देव के कवच का पाठ करते हैं तो इससे आपके जीवन के सभी संकटों का नाश हो जाता हैं। ऐसे में आइए पढ़ते हैं शनि कवच।

पढ़िए शनि कवच

विनियोग - अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, शनैश्चरो देवता, शीं शक्तिः,

शूं कीलकम्, शनैश्चरप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः

नीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान्।

चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त:।।

श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महंत्।

कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम्।।

कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम्।

शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम्।।

ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन:।

नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज:।।

नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा।

स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज:।।

स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद:।

वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता।।

नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा।

ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा।।

यह भी पढ़ें - Pitru Paksha 2023: आज पितृ पक्ष के पहले दिन बन रहे हैं ये 4 शुभ योग, जानें-पंचांग और शिव पूजा का सही समय

पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल:।

अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन:।।

इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य:।

न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज:।।

व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा।

कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि:।।

अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे।

कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित्।।

इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा।

जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु:।।

यह भी पढ़ें - Pitru Paksha 2023: पितृ पक्ष में करें तुलसी का उपाय ये उपाय, मिलेगा पिंडदान जितना पुण्य 

Writer - Vaishnavi Dwivedi 

डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'