Shani Dev: कुंडली में शनि की इस दशा के होने पर बढ़ने लगते हैं खर्चे, जानिए कैसे करें बचाव
हर व्यक्ति चाहता है कि उसके ऊपर शनि देव की कुदृष्टि न पड़े क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शनि देव क्रोधित हो जाएं तो व्यक्ति को जीवन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। वहीं कुंडली में शनि दोष लगने पर भी व्यक्ति को कई तरह जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आइए जानते हैं इससे बचाव के कुछ उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली Shani dev ke Upay: सनातन धर्म में शनिदेव को न्याय के देवता माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर पुरस्कार या दंड देते हैं। इसलिए शनि देव को कर्मफल दाता भी कहा गया है। ज्योतिष शास्त्र में शनि की एक ऐसी दशा का वर्णन किया गया है, जिसके कारण व्यक्ति अधिक खर्च करने लगता है। आइए जानते हैं उस दशा के बारे में और इससे बचाव के उपाय।
आती हैं ये दिक्कतें
ज्योतिष शास्त्र की मानें, तो जब किसी जातक की कुंडली में शनि ग्रह बैठता है, तो वह उसमें काफी लंबे समय तक रहते हैं। चार चरण पूरे करने के बाद ही वह राशि से हटते हैं। ऐसे में जातक को शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या, आदि का सामना करना पड़ता है।जिस कारण व्यक्ति की आर्थिक पर बुरा प्रभाव पड़ता है। कुंडली में साढ़ेसाती लगने पर जातक को स्वास्थ्य, वित्त और करियर संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। विवाह में भी अड़चनें आदि आने लगती हैं। वहीं बेवजह के खर्चे भी बढ़ने लगते हैं।
करें ये उपाय
शनि दोष से बचने के लिए आपको शनिवार के दिन शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही शनिवार को शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और वृक्ष की 21 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से से व्यक्ति शनि की साढ़े साती और ढैय्या के बुरे प्रभाव से बच सकता है।
ऐसे करें बचाव
शनि के दोष को कम करने के लिए घोड़े की नाल से छल्ला बनवाकर बीच की अंगुली में धारण करना चाहिए। इसके साथ ही जरूरतमंद और गरीब लोगों को अनाज, वस्त्र आदि चीजों का दान करना चाहिए। आप शनिवार के दिन उड़द की खिचड़ी का भी बांट सकते हैं।बनी रहेगी शनि देव की कृपा
शनिवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा करने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ भी जरूर करें। ऐसा करने से आप शनि के बुरे प्रभावों से बच सकते हैं। इसके साथ ही शनिवार के दिन भगवान शिव को काले तिल चढ़ाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से शनि की कृपा आपके ऊपर बनी रहती है।डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'