Shani Dev Puja : क्या महिलाएं चढ़ा सकती हैं शनिदेव को सरसों का तेल? जानिए इसके पीछे का रहस्य
Shani Dev Ki Puja शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा का विधान है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिदेव को न्याय का देवता माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक भगवान शनि की पूजा विधि अनुसार करते हैं उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही गरीबों की मदद करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं।
By Vaishnavi DwivediEdited By: Vaishnavi DwivediUpdated: Tue, 02 Jan 2024 03:25 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Dev Puja: शास्त्रों में भगवान शनि को न्याय का देवता माना गया है। कहा जाता है कि शनिदेव की पूजा करने से समस्त कष्टों का नाश हो जाता है और भगवान शनि की कृपा बनी रहती है। वहीं शनिदेव को लेकर ऐसा भी कहा जाता है कि अगर उनकी बुरी दृष्टि किसी पर पड़ जाए, तो उसका नाश होना तय है।
इसलिए जो जातक उन्हें प्रसन्न करने की कामना (Shani Dev Puja) रखते हैं, उन्हें भूलकर भी किसी असहाय व्यक्ति को परेशान नहीं करना चाहिए। साथ ही उनकी मदद करनी चाहिए।
यह भी पढ़ें: Astrology Tips : इसलिए नहीं लिया जाता मंगलवार को कर्ज, यहां जानें मंगल ग्रह को कैसे करें शांत ?आखिर शनिदेव को महिलाएं क्यों नहीं चढ़ा सकती तेल ?
ऐसा कहा जाता है कि शनिदेव भगवान कृष्ण को अपना आराध्य मानते हैं। पौराणिक कथाओं (Shani Dev Ki Katha) अनुसार, एक बार भगवान शनि श्रीकृष्ण की पूजा में लीन थे। उस दौरान उनकी पत्नी संतान प्राप्ति की इच्छा लेकर उनके समक्ष पहुंची, लेकिन शनिदेव ने उनकी तरफ एक बार भी नहीं देखा। इस बात से वे अत्यंत क्रोधित हुईं और उन्होंने शनिदेव को श्राप देते हुए कहा- 'अब आप जिस किसी की ओर भी देखेंगे, वह नष्ट हो जाएगा'।
तभी से शनिदेव की नजर अशुभ मानी जाती है। पत्नी के द्वारा दिए गए श्राप के कारण इसी दिन से महिलाओं का शनिदेव को तेल चढ़ाना वर्जित माना जाता है।शनिदेव पूजा मंत्र
- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
- ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।