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Shani Dev: इस दशा में शनिदेव कराते हैं सबसे अधिक खर्च, जानिए कैसे पाएं इस समस्या से छुटकारा

Shani Dev शनिदेव एक राशि से दूसरे राशि में बहुत ही धीमी गति से भ्रमण करते हैं। ऐसे में शनि की वक्री दृष्टि के कारण जातकों को ढैय्या साढ़ेसाती जैसे अशुभ प्रभावों का सामना करना पड़ता है। जानिए किस कारण शनिदेव कराते हैं सबसे अधिक खर्च।

By Shivani SinghEdited By: Shivani SinghUpdated: Fri, 24 Feb 2023 12:40 PM (IST)
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Shani Dev: इस दशा में शनिदेव कराते हैं सबसे अधिक खर्च, जानिए कैसे पाएं इस समस्या से छुटकारा
नई दिल्ली, Shani Dev: शास्त्रों के अनुसार, शनिदेव को कर्मफल दाता और दंड नायक कहा जाता है। क्योंकि वह हर व्यक्ति को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। माना जाता है कि हर जातक को जीवन में एक बार जरूर शनि के प्रकोप का सामना करना पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति हर क्षेत्र में असफलता मिलने के साथ आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। पैसे आते ही खर्च हो जाते हैं। इसलिए कहते हैं कि शनिदे चाहे, तो किसी भी जातक को रंक से राजा बना सकते हैं और कर्मों के हिसाब से चाहे, तो राजा को रंक बना देते हैं। जानिए किन लोगों को शनिदेव कराते हैं सबसे अधिक खर्च।

शनि ऐसे समय में कराते है सबसे अधिक खर्च

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब किसी जातक की कुंडली में शनि ग्रह बैठता है, तो उसमें काफी लंबे समय तर रहता है। पूरे चार चरण करने के बाद ही वह राशि से हटते हैं। ऐसे में जातक की कुंडली में शनि दोष, साढ़े साती और ढैय्या, महादशी, वक्री चाल का सामना करना पड़ता है। ऐसे में व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के साथ नौकरी-बिजनेस में हानि होना, कानूनी मामलों में फंसना, विवाह में अड़चन आने जैसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बेकार का खर्च बढ़ने के साथ माह के अंत तक पैसे नहीं बचते हैं।

शनि की कुद्रष्टि से बचने के उपाय

  • शनिवार के दिन शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं। इसके साथ शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • शनि के दोष को कम करने के लिए घोड़े की नाल से छल्ला बनवाकर बीच की अंगुली में पहन लें।
  • शनिवार के दिन शाम को छाया दान करें।
  • जरूरतमंद, गरीब लोगों को अनाज, वस्त्र आदि चीजें दान करें।
  • शनिवार के दिन उड़द की खिचड़ी का वितरण करना चाहिए।
  • शनिवार के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ अवश्य करें। ऐसा करने से शनि की कृपा बनी रहती हैं।
  • शनिवार के दिन भगवान हनुमान की पूजा अवश्य करें। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें।
  • भगवान शिव को काले तिल चढ़ाएं।
डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।