Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पर करें ये खास उपाय, सूर्य पुत्र की बरसेगी कृपा और दूर होंगे कष्ट
शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। शनिदेव भगवान शिव के परम भक्त हैं। ज्योतिष में भगवान शनि को न्याय का देवता माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि वे कर्मों के आधार पर फल देते हैं। साथ ही अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं। इस बार शनि जयंती 6 जून को मनाई जाएगी।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti 2024: सनातन धर्म में शनि जयंती का पर्व बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 6 जून, दिन गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान शनि की पूजा का विधान है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास रहता है। वहीं, ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कुछ अचूक उपाय बताए गए हैं, जिन्हें करने से जीवन में खुशियों का आगमन होता है।
कौवों को खिलाएं रोटी
शनि जयंती पर अगर आप शिव प्रिय शनि की कृपा पाना चाहते हैं, तो आपको कौवों को रोटी खिलाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि कौवा सूर्यपुत्र का वाहन है। साथ ही यह उन्हें अति प्रिय भी है। इसलिए शनि जयंती के दिन कौवों को रोटी खिलाएं और उनके लिए एक कटोरे में पानी भरकर रखें।
कपूर से करें यह उपाय
शनि जयंती पर काले कपड़े में कपूर बांधकर अपने घर की छत के दरवाजे पर टांग दें। इसके बाद सूर्यास्त होने की प्रतिक्षा करें और फिर उसे जला दें। ऐसा करने से राहु का बुरा प्रभाव समाप्त होता है। साथ ही कुंडली से शनि दोष भी दूर होता है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि इस उपाय को करते समय इसपर किसी की नजर न पड़े।जलाएं सरसों के तेल का दीपक
शनि जयंती से ठीक एक दिन पहले एक कटोरी में सरसों का तेल निकालकर रखें। इसके बाद उस तेल में कुछ काले तिल डाल दें और उसे शमी के वृक्ष के पास रख दें। फिर शनि जयंती पर उसी तेल से दीपक जलाएं। ऐसा करने से जीवन की सभी बाधाएं समाप्त होती हैं।
यह भी पढ़ें: Panchang: इन 5 अंगों से मिलकर बनता है पंचांग, जिसे देखकर किए जाते हैं सभी शुभ कामअस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।