Move to Jagran APP

Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पर क्या करें और क्या नहीं? जानें इस पर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें

शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) का दिन भगवान शनि की पूजा के लिए बहुत खास होता है। इस बार शनि जयंती 6 जून 2024 को मनाई जाएगी। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन श्रद्धा के साथ उपवास करते हैं उन्हें मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इसके साथ ही जीवन की कठिनाई दूर होती है तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sun, 26 May 2024 12:41 PM (IST)
Hero Image
Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पर क्या करें और क्या नहीं?
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti 2024: हिंदू धर्म में शनि देव की पूजा बहुत ही कल्याणकारी मानी जाती है। ऐसी मान्यता है कि उनकी पूजा करने से जीवन में सकारात्मकता आती है। साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। शनि जयंती का दिन भगवान शनि की पूजा के लिए बहुत खास होता है। इस बार शनि जयंती 6 जून, 2024 को मनाई जाएगी।

ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस दिन श्रद्धा के साथ उपवास करते हैं, उन्हें मनचाहा वरदान प्राप्त होता है। इसके साथ ही जीवन की कठिनाई दूर होती है, तो आइए इस दिन से जुड़ी कुछ बातों को जानते हैं -

शनि जयंती पर क्या करें?

  • गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाएं।
  • शनिदेव के लिए व्रत रखें और उनका आशीर्वाद लें।
  • शनिदेव की कृपा प्राप्त करने के लिए हनुमान चालीसा का कम से कम 7 या 11 बार पाठ करें।
  • शनिदेव को खुश करने के लिए पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • इस दिन दान-पुण्य जरूर करें।
  • गरीबों की मदद अवश्य करें।
  • इस दिन काले तिल और काली उड़द का दान करें।
  • इस दिन छाया का दान भी शुभ माना जाता है।
  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
  • इस तिथि पर तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

शनि जयंती पर क्या न करें?

  • इस तिथि पर किसी का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • अपने कर्मचारियों तथा घरेलू सहायकों के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए।
  • इस दिन तामसिक भोजन जैसे- मांस खाने और शराब पीने से बचना चाहिए।
  • इस दिन अभद्र भाषा के प्रयोग से बचना चाहिए।
  • इस तिथि पर किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए।

भगवान शनि का गायत्री मंत्र

''ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्''।।

भगवान शनि का महामंत्र

''ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम''॥

यह भी पढ़ें: Masik Shivratri 2024: कब मनाई जाएगी ज्येष्ठ माह की मासिक शिवरात्रि? नोट करें डेट-शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।