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Shani Jayanti 2024: शनि जयंती की पूजा में शामिल करें ये खास चीजें, जीवन में खुशियों का होगा आगमन

हिंदू धर्म में शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) का पर्व बहुत कल्याणकारी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान शनि की पूजा अगर भाव के साथ की जाए तो वे प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। ऐसे में उनका आशीर्वाद पाने के लिए यहां पूजन के कुछ नियम व सामग्री के बारे में बताया गया है जिसको पूजा थाली में शामिल करना बेहद जरूरी है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Fri, 03 May 2024 11:40 AM (IST)
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Shani Jayanti 2024: शनि जयंती पूजन सामग्री
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti 2024: सनातन धर्म में शनि देव की पूजा का खास महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान शनि सभी को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा का विधान है। इस बार शनि जयंती वैशाख माह 8 मई, 2024 दिन बुधवार को मनाई जाएगी। यह साल में दो बार मनाई जाती है।

ऐसी मान्यता है जो जातक इस दिन श्रद्धा के साथ रवि पुत्र की पूजा करते हैं उन्हें मनचाहा वरदान प्राप्त होता है, तो आइए इस दिन पूजन में शामिल होने वाली सामग्री के बारे में जानते हैं -

शनि जयंती कब है ?

वैशाख अमावस्या तिथि की शुरुआत 7 मई 2024, सुबह 11 बजकर 40 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 8 मई 2024, सुबह 08 बजकर 51 मिनट पर होगा। ऐसे में पंचांग को देखते हुए वैशाख अमावस्या पर यानी 8 मई को शनि जयंती मनाई जाएगी।

शनि जयंती पूजन सामग्री

  • शनिदेव की प्रतिमा व तस्वीर
  • शनि चालीसा
  • शनिदेव कथा की पुस्तक
  • काले और नीले वस्त्र
  • नीले फूल और फूलों की माला
  • सरसों का तेल
  • तिल का तेल
  • काला तिल
  • हवन सामग्री
  • हवन कुंड
  • कपूर
  • पान
  • सुपारी
  • दक्षिणा
  • आसन
  • अक्षत
  • धूप
  • दीप
  • चंदन
  • गंध
  • जल
  • शमी पत्ता
  • गंगाजल
  • फल
  • मिठाई

भगवान शनि की पूजा में इन नियमों का रखें ध्यान

  • सबसे पहले भगवान शनिदेव की पूजा विधि अनुसार करें।
  • पूजा के दौरान मन को शांत रखें और नकारात्मक विचारों को मन में न लाएं।
  • शनिदेव को नीला रंग बेहद पसंद है इसलिए उन्हें नीले रंग का वस्त्र, फूल,आदि चीजें चढ़ाएं।
  • शनि जयंती के दिन दान-पुण्य अवश्य करें।
  • शनिदेव की महादशा से मुक्ति पाने के लिए इस दिन विशेष पूजा करें, इससे आपको तुरंत लाभ मिलेगा।

शनि वैदिक मंत्र

1. ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।।

शनि गायत्री मंत्र

2. ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।

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डिसक्लेमर: 'इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।'