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Lord shani: जून में मात्र इन 2 दिनों पर कर लें भगवान शनि की पूजा, पूरे साल धन-दौलत से भरा रहेगा घर

इस साल 6 जून को शनि जयंती (Shani Jayanti 2024) मनाई जाएगी। वहीं 29 जून के दिन भगवान शनि वक्री (Shani Vakri 2024) हो रहें हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दौरान भगवान शनि की श्रद्धा भाव के साथ पूजा करनी चाहिए। इसके साथ ही उनके लिए उपवास करना चाहिए। ऐसा करने से उनकी अनंतकाल तक कृपा प्राप्त होती है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 25 May 2024 12:14 PM (IST)
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Shani Jayanti And Shani Vakri 2024: ज्योतिष शास्त्र उपाय -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti And Shani Vakri 2024: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि उनकी पूजा करने व्यक्ति को उसके कार्य का फल जल्दी प्राप्त होता है। हालांकि उनकी पूजा करने के साथ अपने कर्मों पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। वहीं, शनि देव की पूजा के लिए जून में दो ऐसे दिन पड़ने वाले हैं, जिस समय उनकी आराधना करने से अपनी सभी परेशानियों को दूर किया जाता सकता है।

दरअसल, 6 जून को शनि जयंती पड़ रही है और 29 जून के दिन भगवान शनि वक्री हो रहें हैं। ऐसे में यह समय बेहद शुभ और खास होने वाला है, तो आइए कुछ विशेष ज्योतिष उपायों के जरिए छाया पुत्र को प्रसन्न करते हैं -

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अवश्य करें ये काम

इन अवधि के दौरान शनि देव की विशेष पूजा-अर्चना करनी चाहिए। उनके समक्ष सरसों या फिर तिल के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके बाद भगवान शनि की चालीसा और उनके अमोघ मंत्रों का जाप करना चाहिए। इसके अलावा गरीबों को भोजन खिलाना चाहिए और काले वस्त्रों का दान करना चाहिए।

पीपल के वृक्ष की करें पूजा

पवित्र स्नान के बाद शनिदेव की विधि अनुसार पूजा करें। इसके बाद पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाएं। इसके बाद शाम के समय पीपल की विधिपूर्वक पूजा करें। फिर उसकी 7 बार परिक्रमा करें। इसके अलावा काले तिल और काले वस्त्र का दान करें। ऐसा करने से भगवान शनि प्रसन्न होते हैं।

शनि मंत्र

  • ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥

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अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।