Shani Jayanti 2024: इस साल कब है शनि जयंती? नोट करें तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग
सनातन शास्त्रों में निहित है कि सूर्य देव के पुत्र शनि देव का अवतरण ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को हुआ है। अतः हर वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। शनि देव की भक्ति आराधना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही आर्थिक तंगी भी दूर होती है। दक्षिण भारत में यह पर्व वैशाख अमावस्या तिथि को मनाया जाता है।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Jayanti 2024: हर वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन न्याय के देवता और मोक्ष प्रदाता शनिदेव की पूजा-उपासना की जाती है। साथ ही शनिदेव के निमित्त व्रत-उपवास रखा जाता है। दक्षिण भारत में यह पर्व वैशाख अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। सनातन शास्त्रों में निहित है कि सूर्य देव के पुत्र शनिदेव का अवतरण ज्येष्ठ अमावस्या तिथि को हुआ है। अतः हर वर्ष ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। शनिदेव की भक्ति आराधना करने से साधक को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही आर्थिक तंगी भी दूर होती है। अत: साधक शनि जयंती पर न्याय के देवता की विशेष पूजा-उपासना करते हैं। आइए, शुभ मुहूर्त, तिथि एवं योग जानते हैं-
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शुभ मुहूर्त
ज्योतिषियों की मानें तो ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 05 जून को संध्याकाल 07 बजकर 54 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 06 जून को संध्याकाल 06 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, 06 जून को शनि जयंती मनाई जाएगी। प्रदोष व्रत, महाशिवरात्रि, कालाष्टमी, कृष्णाष्टमी, दुर्गाष्टमी आदि तिथियों पर उदया तिथि की गणना नहीं की जाती है।
योग
ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर धृति योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण रात्रि 10 बजकर 09 मिनट तक हो रहा है। इसके अलावा, शनि अमावस्या पर शिववास योग भी बन रहा है। शिववास के दौरान भगवान शाम 06 बजकर 07 मिनट तक मां गौरी के साथ रहेंगे।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय - सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर
सूर्यास्त - शाम 07 बजकर 17 मिनट पर
चंद्रास्त- शाम 07 बजकर 27 मिनट पर
पंचांग
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 04 बजकर 42 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 02 बजकर 39 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट से 07 बजकर 36 मिनट तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12 बजे से 12 बजकर 40 मिनट तक
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