Shani Dev: शनि की महादशा में न करें ये काम, वरना बुरे हो सकते हैं परिणाम
शनिदेव को न्याय के देवता माना जाता है। शनिदेव को कर्मफल दाता भी कहा गया है क्योंकि वह व्यक्ति को उसके कर्मों के आधार पर पुरस्कार या दंड देते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब किसी जातक पर शनि की महादशा चल रही होती है तो ऐसे में उसे काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में आइए जानते हैं इससे बचाव के उपाय।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली Shani Mahadasha ke Upay: शनि देव की कुदृष्टि से बचने के लिए कई बातों का ध्यान रखा जाता है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि यदि शनि देव क्रोधित हो जाएं, तो व्यक्ति को जीवन में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। यदि किसी जातक के जीवन में शनि की महादशा चल रही है, तो ऐसी स्थिति में इस कार्यों से बचना चाहिए। ताकि आप बुरे परिणामों से बचे रहें।
न करें ये काम
यदि जीवन में शनि की महादशा चल रही है, तो ऐसी स्थिति में व्यक्ति को हर कार्य के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में आलस्य और निष्क्रियता से बचना चाहिए। क्योंकि इस अवधि में आलस्य करने से आपको नकारात्मक फल मिल सकता है। इस दौरान आप कड़ी मेहनत द्वारा ही अपने लक्ष्यों की प्राप्ति कर सकते हैं।
ये गलती पड़ सकती है भारी
शनि को सत्य और न्याय का देवता माना जाता है। ऐसे में शनि की महादशा के दौरान झूठ बोलना और धोखा देना आदि आपके लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसके साथ ही इस समय अहंकार से भी बचें, अन्यथा आपका भारी नुकसान हो सकता है।कोशिक करें कि इस समय आप विनम्र रहें और दूसरों का सम्मान करें। साथ ही इस समय आपको ईमानदार रहना चाहिए। शनि देव को लापरवाही और अनुशासनहीनता बिलकुल भी नहीं पसंद है। ऐसे में जातक को शनि की महादशा के दौरान अनुशासित और व्यवस्थित तरीके से रहना चाहिए।
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इन तरीकों से करें बचाव
यदि आपके जीवन में शनि की महादशा चल रही है, तो ऐसी स्थिति हर शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा करें। इसके साथ ही हनुमान चालीसा का पाठ करें। शनिवार और मंगलवार के दिन गरीबों और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराएं और अपनी क्षमता के अनुसार उन्हें दान आदि दें।
साथ ही शनि की महादशा में शनिवार के दिन काले तिल और तेल और काले रंग के वस्त्रों का दान करना चाहिए। इसके साथ ही बुरे परिणामों से बचने के लिए आप हर दिन शनि स्तोत्र का पाठ भी कर सकते हैं।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।