Shani Mahadasha Upay: शनि देव की कुदृष्टि से बचने के लिए करें ये उपाय और मंत्रों का जाप
Shani Mahadasha Upay शनि देव जातक के कर्मों के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ऐसे में जिस जातक पर शनि देव की क्रूर दृष्टि होती है उसे कई प्रकार की समस्याओं से सामना करना पड़ता है और नकारात्मक ऊर्जाएं उसे घेर लेती हैं।
By Shantanoo MishraEdited By: Updated: Tue, 20 Sep 2022 05:13 PM (IST)
नई दिल्ली, Shani Mahadasha Upay: शास्त्रों में शनि देव को न्याय का देवता बताया गया है। शनि देव कर्म के अनुसार लोगों को फल प्रदान करते हैं। जो लोग अपने जीवन में अच्छे कर्म करते हैं उनका जीवन खुशियों से भरा रहता है वहीं जिनका कर्म पाप की श्रेणी में आता है उन्हें शनि देव उतनी ही यातना देते हैं। ऐसा भी कहा गया है कि जिनपर शनी देव की कुदृष्टि होती है उन्हें कई प्रकार की असफलताओं का सामना करना पड़ता है। वहीं उन पर नकारात्मक शक्तियां हावी होने लगती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक जातक की कुंडली में शनि (Shani in Kundli) कि महादशा 19 वर्षों तक चलती है और इस दौरान जातक पर शनि की क्रूर दृष्टि बनी रहती है जिससे उसे कई प्रकार की असफलताओं का सामना करना पड़ता है।
क्या कुंडली में इस स्थिति में हैं शनि (Shani Mahadasha Reason)
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जो लोग बुरे कर्म करते हैं या ऐसे कर्म जो पाप की श्रेणी में आते हैं तो ऐसे लोगों पर शनि देव की कुदृष्टि पड़ जाती है। ऐसी स्थिति में कुंडली में शुभ योग होने के कारण भी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। साथ ही उसके सभी कार्य असफल होने लगते हैं। इस स्थिति के साथ अगर शनि और सूर्य एक साथ हैं तो भी जातक को आर्थिक और भाग्य से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इस तरह करें शनि देव को प्रसन्न (Shani Mahadasha Upay)
ज्योतिष शास्त्र में कुछ ऐसे उपाय बताए गए हैं जिनका पालन करने से व्यक्ति शनि देव को प्रसन्न कर सकता है और उनके प्रकोप से बच सकता है। सबसे पहले शनि देव को प्रसन्न करने के लिए संध्या काल में पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके साथ पेड़ की परिक्रमा करें और 108 बार ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से जातकों को बहुत लाभ होता है और शनि देव प्रसन्न होकर खुशियों का आशीर्वाद देते हैं। साथ ही आप किसी जरूरतमंद को सिक्का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से भी जातक को बहुत लाभ मिलता है।करें इन मंत्रों का जाप (Shani Dev Mantra)
ऊँ त्रयम्बकंयजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।उर्वारुकमिवबन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।।
ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम।छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।।
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