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Shani Pradosh Vrat 2024: कब है शनि प्रदोष ? व्रत रखने से पहले जान लें पूजा का सही तरीका

शनि प्रदोष व्रत बेहद कल्याणकारी माना जाता है क्योंकि शनिदेव भगवान शिव के परम भक्त थे और प्रदोष व्रत का यह संयोजन पवित्र और विशेष है जो लोग शनि दोष से पीड़ित हैं उन्हें इसके बुरे प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए इस शनि प्रदोष व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव के साथ-साथ भगवान शनिदेव की भी पूजा करनी चाहिए।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 30 Mar 2024 10:55 AM (IST)
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Shani Pradosh Vrat 2024: शनि प्रदोष व्रत का महत्व
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है। यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। शनिवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को शनि प्रदोष के नाम से जाना जाता है। इस माह यह व्रत 6 अप्रैल, 2024 दिन शनिवार को रखा जाएगा। ऐसा कहा जाता है कि जो जातक सच्ची श्रद्धा के साथ इस व्रत को रखते हैं उन्हें भोलेनाथ का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है।

शनि प्रदोष व्रत का महत्व

शनि प्रदोष व्रत का हिंदुओं में बहुत महत्व है, क्योंकि शनिदेव भगवान शिव के परम भक्त थे और प्रदोष व्रत का यह संयोजन पवित्र और विशेष है, जो लोग शनि दोष से पीड़ित हैं, उन्हें इसके बुरे प्रभाव से छुटकारा पाने के लिए इस शनि प्रदोष व्रत का पालन अवश्य करना चाहिए। साथ ही भगवान शिव के साथ-साथ भगवान शनिदेव की भी पूजा करनी चाहिए और आशीर्वाद लेना चाहिए।

शनि प्रदोष पूजा विधि

  • सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें।
  • अपने पूजा कक्ष को साफ करें।
  • एक वेदी पर भगवान शिव और देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  • पंचामृत और गंगाजल से स्नान कराएं।
  • सफेद चंदन, कुमकुम का तिलक लगाएं।
  • देसी घी का दीपक जलाएं।
  • फल, मिठाई और खीर का भोग लगाएं।
  • शिव चालीसा, शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करें।
  • अंत में आरती से पूजा को समाप्त करें।
  • प्रदोष पूजा हमेशा शाम के समय की जाती है, इसलिए शाम के समय पूजा जरूर करें।
  • पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं और भगवान शनिदेव का आशीर्वाद लें।
  • पूजा समाप्त करने के बाद सात्विक भोजन से अपना व्रत खोलें।
  • गरीबों की मदद करें।
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