Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Shani Pradosh Vrat 2024: सावन का आखिरी प्रदोष व्रत आज, नोट करें शिव जी के प्रिय भोग और पुष्प से लेकर सबकुछ

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का अपना एक विशेष महत्व है। यह भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है। इस व्रत को करने से मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। पंचांग के अनुसार सावन का अंतिम प्रदोष व्रत आज यानी 17 अगस्त (Sawan Pradosh Vrat 2024) को मनाया जा रहा है जो बेहद फलदायी है।

By Vaishnavi Dwivedi Edited By: Vaishnavi Dwivedi Updated: Sat, 17 Aug 2024 10:16 AM (IST)
Hero Image
Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष पूजा विधि -

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शनि प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में बेहद महत्व है। इस बार यह 17 अगस्त, 2024 दिन शनिवार यानी आज मनाया जा रहा है। यह दिन भगवान शिव और शनि देव की पूजा के लिए समर्पित है। सावन का आखिरी प्रदोष व्रत होने की वजह से इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है।

ऐसी मान्यता है कि शनि प्रदोष (Shani Pradosh Vrat 2024) का उपवास रखने से जीवन के सभी संकटों का नाश होता है, तो आइए इससे जुड़ी संपूर्ण जानकारी जानते हैं।

यह भी पढ़ें: Pradosh Vrat 2024: शिव जी की कृपा प्राप्ति के लिए उत्तम है शनि प्रदोष व्रत, पूजा में करें इस स्तोत्र का पाठ

शिव जी प्रिय पुष्प 

सफेद मदार, कनेर या आक के फूल।

प्रिय भोग

खीर, हलवा, भांग, पंचामृत, शहद, मालपुआ, ठंडाई, दही, दूध, सफेद बर्फी, लस्सी और सूखा मावा आदि।

पूजा विधि (Sawan Pradosh Vrat 2024 Puja Vidhi)

सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। भगवान शंकर और माता पार्वती के समक्ष व्रत का संकल्प लें। एक वेदी पर शिव-पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल से प्रतिमा को अच्छी तरह से साफ करें। देसी घी का दीपक जलाएं और शिव जी का अभिषेक करें। चंदन व कुमकुम का तिलक लगाएं। कनेर व गुड़हल के फूलों को अर्पित करें। खीर, हलवा, फल, मिठाइयों आदि का भोग लगाएं।

प्रदोष व्रत कथा, पंचाक्षरी मंत्र और शिव चालीसा का पाठ करें। प्रदोष पूजा शाम के समय ज्यादा शुभ मानी जाती है, इसलिए प्रदोष काल में ही पूजा करें। व्रती प्रसाद खाकर अपने व्रत का पारण करें। व्रती गलत आचरण से दूर रहें। व्रत के दौरान सिर्फ फलाहार ही करें।

शुभ योग (Sawan Pradosh Vrat 2024 Shubh Yog)

हिंदू पंचांग के अनुसार, अमृत काल सुबह 07 बजकर 12 मिनट से सुबह 08 बजकर 44 मिनट तक रहेगा। इसके बाद विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। फिर गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 58 मिनट से 07 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ कार्य व पूजा-पाठ करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

शिव जी प्रिय मंत्र (Sawan Pradosh Vrat 2024 Mantra)

  • ॐ नमः शिवाय।
  • नमो नीलकण्ठाय।
  • ॐ पार्वतीपतये नमः।

यह भी पढ़ें: Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत के दिन अवश्य करें इस स्तोत्र का पाठ, धन से भरी रहेगी तिजोरी

अस्वीकरण: ''इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है''।