Shani Sade Sati Upay: कुंभ राशि के जातक करें इन मंत्रों का जाप, धन से भर जाएगी खाली तिजोरी
वर्तमान समय में तीन राशि के जातक साढ़े साती से पीड़ित हैं। मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती का प्रथम चरण चल रहा है। वहीं कुंभ राशि के जातकों पर साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। जबकि मकर राशि के जातकों पर साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। ज्योतिष साढ़े साती के दौरान विशेष उपाय करने की सलाह देते हैं।
By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarUpdated: Wed, 22 Nov 2023 04:08 PM (IST)
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Sade Sati: शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है। अच्छे कर्म करने वाले को हमेशा शुभ फल देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो जिन जातकों पर शनि देव की कृपा बरसती है। उसे जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। जातक करियर और कारोबार में ऊंचा मुकाम हासिल करता है। वर्तमान समय में तीन राशि के जातक साढ़े साती से पीड़ित हैं। मीन राशि के जातकों पर साढ़े साती का प्रथम चरण चल रहा है। वहीं, कुंभ राशि के जातकों पर साढ़े साती का दूसरा चरण चल रहा है। जबकि, मकर राशि के जातकों पर साढ़े साती का अंतिम चरण चल रहा है। ज्योतिष साढ़े साती के दौरान विशेष उपाय करने की सलाह देते हैं। इन उपायों को करने से साढ़े साती का प्रभाव कम हो जाता है। अगर आप कुंभ राशि के जातक हैं, तो रोजाना इन मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन मंत्रों के जाप से जीवन में धन की कभी कमी नहीं होगी।
कुंभ राशि के स्वामी न्याय के देवता शनि देव हैं और आराध्य देवों के देव महादेव हैं। इनका शुभ रंग आसमानी है और शुभ अंक 10 और 11 है। अतः कुंभ राशि के जातकों पर शनि देव की विशेष कृपा हमेशा बरसती रहती है।
शनि वैदिक मंत्र
“ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंय्यो रभिस्त्रवन्तु नः”।।शनि तांत्रिक मंत्र“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”।शनि एकाक्षरी बीज मंत्र“ऊँ शं शनैश्चराय नम:” ।।“ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं शनैश्चराय नमः” ।।शनि मंत्र“ॐ नीलाजंन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्” ।।शनि गायत्री मंत्र“ॐ भग्भवाय विद्महे मृत्युरुपाय धीमहि, तन्नो सौरी: प्रचोदयात” ।शनि मंत्रऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः।ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः।ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः।ऊँ मन्दाय नमः।।ऊँ सूर्य पुत्राय नमः।।साढ़े साती से बचाव हेतु मंत्र
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम ।उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शंयोरभिश्रवन्तु नः।ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।अपराध क्षमा मंत्रअपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया।दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।गतं पापं गतं दु: खं गतं दारिद्रय मेव च।आगता: सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्।।
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