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Shani Sade Sati: कब खत्म होगी कुंभ राशि के जातकों की परेशानी? इन उपायों से करें शनिदेव को प्रसन्न

ज्योतिष शास्त्र में निहित है कि शनिदेव (Shani Sade Sati) एक राशि में ढ़ाई वर्ष तक गोचर करते हैं। इसके बाद शनिदेव राशि परिवर्तित करते हैं। गोचर करने वाली राशि पर साढ़े साती का दूसरा चरण चलता है। वर्तमान समय में शनिदेव कुंभ राशि में विराजमान हैं। इसके चलते कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है।

By Pravin KumarEdited By: Pravin KumarPublished: Wed, 26 Jun 2024 04:53 PM (IST)Updated: Wed, 26 Jun 2024 04:53 PM (IST)
Shani Sade Sati: मेष राशि के जातकों पर कब शुरू होगी साढ़े साती?

धर्म डेस्क, नई दिल्ली। Shani Sade Sati: सनातन धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता और मोक्ष प्रदाता कहा जाता है। शनिदेव की कृपा बरसने से जातक को जीवन में सभी प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में व्याप्त सभी दुख और संकट भी छूमंतर हो जाते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो शनिेदव न्याय के देवता हैं। अच्छे कर्म करने वाले जातक को इच्छित फल देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले जातक को दंडित करते हैं। वर्तमान समय में शनिदेव स्वराशि कुंभ में विराजमान हैं। इस राशि में शनिदेव 29 मार्च, 2025 तक रहेंगे। इस दिन शनिदेव राशि परिवर्तन करेंगे। इससे राशि चक्र की सभी राशियों पर भाव अनुसार प्रभाव पड़ेगा। इनमें मकर राशि के जातकों को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। मकर राशि के जातक साढ़े साती से मुक्त हो जाएंगे। लेकिन क्या आपको पता है कि कुंभ राशि के जातकों को साढ़ेसाती से कब मुक्ति मिलेगी? आइए जानते हैं-

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कब मिलेगी साढ़े साती से मुक्ति?

ज्योतिषियों की मानें तो वर्तमान समय में कुंभ राशि के जातकों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। साढ़े साती के दूसरे चरण में जातक को शारीरिक और आर्थिक नुकसान होता है। इसके चलते कुंभ राशि के जातक वर्तमान समय में अत्यधिक परेशान हैं और धन को लेकर कुंभ राशि के जातकों को तंगी का सामना करना पड़ रहा है। शनिदेव कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्म करने वाले जातकों को शनिदेव धनवान भी बना देते हैं।

ज्योतिषीय गणना के अनुसार  29 मार्च, 2025 को देर रात 09 बजकर 44 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। इस दिन से कुंभ राशि पर साढ़े साती का अंतिम चरण प्रारंभ होगा। शनि देव मीन राशि में 3 जून, 2027 तक रहेंगे। इसके बाद मीन राशि से निकलकर मेष राशि में गोचर करेंगे। हालांकि, शनिदेव वक्री चाल चलकर 20 अक्टूबर, 2027 को पुन: मीन राशि में गोचर करेंगे। वहीं, 23 फरवरी, 2028 को मेष राशि में गोचर करेंगे। इस दिन कुंभ राशि के जातकों को पू्र्णतया साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी।

शनिदेव के उपाय

  • शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए नित प्रतिदिन स्नान-ध्यान के बाद गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें।
  • शनिवार के दिन शमी पेड़ में जल का अर्घ्य दें। वहीं, संध्याकाल में शुद्ध घी का दीपक जलाकर आरती करें।
  • शनिदेव की कृपा पाने के लिए रोजाना पूजा के समय शनि स्तोत्र का पाठ करें।
  • शनिवार के दिन पूजा के बाद काले चने और काले तिल, उड़द की दाल, चमड़े के जूते और चप्पल आदि चीजों का दान करें।

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डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/जयोतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेंगी।


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