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Shani Vakri 2023: जिन राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या, उन्हें शनि वक्री के दौरान रहना होगा सतर्क

Shani Vakri 2023 वर्तमान समय में शनि वक्री अवस्था में चल रहे हैं जिसका प्रभाव सभी राशियों पर सकारात्मक व नकारात्मक रूप से पड़ रहा है। बता दें कि शनि नवंबर माह तक इसी अवस्था में रहेंगे ऐसे में कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें शनि वक्री की अवधि में सतर्क रहने की आवश्यकता है। विशेषतः उन्हें जिनपर शनि वक्री का प्रभाव पड़ रहा है।

By Shantanoo MishraEdited By: Shantanoo MishraUpdated: Fri, 30 Jun 2023 11:12 AM (IST)
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Shani Vakri 2023: शनि वक्री के दौरान ये राशियां रहें सतर्क।
नई दिल्ली, अध्यात्म डेस्क | Shani Vakri 2023: ज्योतिष शास्त्र में शनि देव को कर्मों का देवता बताया गया है। शनि देव जातक को कर्मों के अनुसार, फल प्रदान करते हैं। इसके साथ यह भी बताया गया है कि जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या का प्रभाव पड़ता है, उन्हें कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बता दें कि कुछ ही दिन पहले न्यायाधीश शनि कुंभ राशि में वक्री अवस्था में चले गए हैं। वहीं शनि की उल्टी चाल को भी जातकों के लिए अशुभ माना जाता है। लेकिन जिन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है, उन्हें सतर्क रहने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं, किन-किन राशियों पर पड़ेगा शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या का अधिक प्रभाव।

इन राशियों पर चल रही है शनि की साढ़ेसाती

ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव एक राशि पर 3 चरणों में पड़ता है। वहीं शनि वक्री के कारण कुछ राशियों को संभलकर रहना होता है। बता दें कि इस समय कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण और मकर राशि पर साढ़ेसाती का तीसरा चरण शुरू हो चुका है। ऐसे में इस दौरान धन हानि या स्वास्थ्य में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना जातक कर सकते हैं। इसके साथ इस दौरान कोई भी निर्णय लेने से पहले सोच-विचार अवश्य करें और सेहत संबंधित परेशानियों को अनदेखा न करें।

शनि ढैया का प्रभाव इन राशियों को कर सकता है परेशान

बता दें 3 राशियां ऐसी हैं जिन्हें शनि ढैय्या के कारण समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। वर्तमान समय में कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों को संभल कर रहना होगा, क्योंकि इन राशियों पर शनि ढैय्या का प्रभाव पड़ रहा है। बता दें कि कर्क राशि की कुंडली के आठवें भाव में और वृश्चिक राशि की कुंडली के चौथे भाव में शनि देव उपस्थित हैं। ऐसे में इस दौरन छत्रों को सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि परिश्रम के बाद भी लाभ ना मिलने से निराशा हो सकती है। साथ ही माता कि सेहत में गिरावट के कारण मन दुखी रह सकता है।

शनि की साढ़ेसाती से बचने के उपाय

शनि वक्री के दौरान साढ़ेसाती अथवा ढैय्या से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं। जिन जातकों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव पड़ रहा है, उन्हें शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। इसके साथ इसी दिन शनि मंदिर में भगवान शनि देव का दर्शन करें और शनि चालीसा का पाठ अवश्य करें। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए दान-धर्म अवश्य करें। साथ ही शनि देव के मंत्रों का जाप बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता है।

डिसक्लेमर- इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।