Shanivar ke Upay: शनिवार के दिन किया गया ये कार्य दिलाएगा सभी कष्टों से मुक्ति
ऐसा कहा जाता है कि जब एक बार राजा दशरथ के राज्य में जब अकाल पड़ा था तब उन्होंने शनि स्तोत्रम की रचना की थी ताकि वह शनि देव को प्रसन्न कर सकें और इस समस्या से छुटकारा पा सकें। ऐसे में रोजाना या फिर शनिवार के दिन शनि स्तोत्रम के पाठ करने से आप जीवन के कई कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
धर्म डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय के देवता के रूप में देखा जाता है। इसके साथ ही शनि देव को कर्मफल दाता भी कहा जाता है, क्योंकि वह हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार शुभ या अशुभ फल प्रदान करते हैं। शनि देव की आराधना के लिए शनिवार का दिन सबसे उत्तम माना गया है। ऐसे में आप इस दिन पर शनि स्तोत्रम का पाठ करके शनि के दुष्प्रभावों से मुक्त रह सकते हैं।
शनि स्तोत्रम
नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च।
नम: कालाग्निरूपाय कृतान्ताय च वै नम:।।
नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च।नमो विशालनेत्राय शुष्कोदर भयाकृते।।
नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेऽथ वै नम:।नमो दीर्घाय शुष्काय कालदंष्ट्र नमोऽस्तु ते।।नमस्ते कोटराक्षाय दुर्नरीक्ष्याय वै नम:।नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने।।नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोऽस्तु ते।सूर्यपुत्र नमस्तेऽस्तु भास्करेऽभयदाय च।।
अधोदृष्टे: नमस्तेऽस्तु संवर्तक नमोऽस्तु ते।नमो मन्दगते तुभ्यं निस्त्रिंशाय नमोऽस्तुते।।तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च।नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:।।ज्ञानचक्षुर्नमस्तेऽस्तु कश्यपात्मज-सूनवे।तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात्।।देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध-विद्याधरोरगा:।त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:।।
प्रसाद कुरु मे सौरे वारदो भव भास्करे।एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:।।यह भी पढ़ें - Mahesh Navami 2024: महेश नवमी के दिन इस पूजा मुहूर्त पर करें शिव चालीसा का पाठ, होगा अद्भुत लाभ